NCRB के अनुसार नक्सलियों ने 2017 में 652 आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया था। जिहादी और आतंकवादी वारदातें 377 हुईं और उत्तर पूर्व के उग्रवादियों ने 421 अपराध किए थे।
गोली मारने के बाद हत्यारों ने धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए। गला रेतने के कारण ही कमलेश की मौत हुई। उनका गला 2 जगह से रेता गया। चेहरे के बाईं तरह बुलेट इंजरी मिली है।
गुजरात एटीएस के डीआईजी हिमांशु शुक्ल ने बताया कि दोनों हत्यारोपितों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। ये वही दोनों हैं, जिन्होंने भगवा वस्त्रों में कमलेश तिवारी के ख़ुर्शीदबाग स्थित घर में घुस कर उनकी हत्या कर दी थी।
हिंदू महासभा ने उनको मरणोपरांत 'हिन्दूरत्न' सम्मान से नवाज़े जाने की घोषणा की है। इसके अलावा हिन्दू महासभा के लखनऊ ऑफ़िस के सामने तिवारी का प्रतिमा लगाई जाएगी।
वो सभी मजहबी बैठकों में भाग ले रहे थे। बिजनौर पुलिस ने वीजा नियमों का हवाला देते हुए बताया कि कोई भी विदेशी नागरिक टूरिस्ट वीजा लेकर मजहबी गतिविधियाँ संचालित नहीं कर सकता। इस सम्बन्ध में मस्जिद प्रशासन से भी रिपोर्ट माँगी गई है।
जब उनसे पूछा गया कि वे कैसे क्या भारतीय संस्कृति है और क्या नहीं इसका सर्टिफिकेट बाँट रहे हैं, प्रकाश राज ने कहा कि उन्हें यह बात स्पष्ट है कि क्या संस्कृति है और क्या नहीं। "राम, लक्ष्मण और सीता को हेलीकॉप्टर से लाना और नीचे उतारना मेरी संस्कृति नहीं है।"
यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जल्द ही हत्यारों को पकड़ लिया जाएगा और साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए सरकार हत्यारों के लिए मृत्युदंड की भी माँग करेगी।
कमलेश तिवारी की हत्या के बाद महंत सरस्वती ने उनके परिजनों से मुलाक़ात की थी। मुलाक़ात के दौरान उन्होंने सार्वजनिक रूप से भाषण दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
अशफ़ाक़ और उसके हत्यारे साथी ने सिर्फ़ कमलेश तिवारी की ही नहीं बल्कि 'हिन्दू समाज पार्टी' के उत्तर प्रदेश प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गौरव गोस्वामी को भी मारने की योजना बना रहे थे। इसीलिए प्लानिंग के तहत सूरत से लखनऊ आते समय उन्होंने गोस्वामी को कॉल कर के कमलेश तिवारी के दफ्तर आने की काफ़ी जिद की थी। गोस्वामी ने काम ज्यादा होने के कारण इनकार कर दिया, जिससे...
बरेली के एक मौलवी को हिरासत में लिया गया। एक ड्राइवर तौहीद को दबोचा गया। शाहजहाँपुर से लेकर पीलीभीत तक, हत्यारों को हर जगह से मदद मिल रही है। इस हत्याकांड के तार दुबई से भी जुड़े नज़र आ रहे हैं। उधर लखीमपुर क्षेत्र में एक टेरर फंडिंग के बड़े गैंग का खुलासा हुआ है।