वकील प्रशांत भूषण ने 28 मार्च को अपने ट्विटर हेंडल से एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि जबरन तालाबंदी के कारण करोड़ों लोग भूखे-प्यासे घर से चले जाते हैं, हमारे हृदयहीन मंत्री रामायण और महाभारत की अफीम का सेवन और भोजन करते हैं।
पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ 'महामारी अधिनियम' के अंतर्गत मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। यह मामला सामने तब आया जब एक टिकटॉक यूजर ने इसका वीडियो टिकटॉक पर अपलोड कर दिया।
अब आप समझ जाइए कि जब 'ऑल्टन्यूज़' के कर्ताधर्ता ऐसे काम करते हैं तो उनका प्रोपेगेंडा पोर्टल कैसे चलाया जाता होगा। बैनर पर आमजनों और पशु-पक्षियों को खाना खिलाने की बात स्पष्ट लिखी हुई है फिर भी...
"वे सख्त कदम उठा रहे हैं और चाहते हैं कि ऐसे लोग सामने आएँ जो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए हैं। सबसे अच्छा तो यह है कि 'रेड जोंस' यानी ऐसे इलाके जहाँ से ज्यादा मामले आए हैं, में रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर मत निकलें।"
मेहता की पत्नी ने पड़ोसी के साथ लड़ाई शुरू कर दी और जल्द ही चेतन भी इस लड़ाई में शामिल हो गया। इसी समय डॉक्टर ने पूरी घटना को रिकॉर्ड किया और विधायक को इसके बारे में सूचित किया। इसके बाद अदजान पुलिस ने मौके पर जाकर मेहता को गिरफ्तार कर लिया।
26 तबलीगी जमात के सदस्यों को दरियापुर से लाकर सोला के सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया था। जब मेडिकल टीम ने उनकी जाँच करने की कोशिश की, तो उन्होंने जाँच करवाने से मना करते हुए हँगामा खड़ा कर दिया। इनका आरोप था कि सरकार इन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है।