"जो नेता मेरे करीबी थे, वही नेता अब मेरे लिए और मेरे परिवार के लिए खतरा बने हुए हैं। मैं भारत वापस आना चाहता हूँ, सारी जानकारी देना चाहता हूँ। भारत आकर मैं निवेशकों का पैसा लौटाना चाहता हूँ।"
मदरसे के नाम पर हुए लाखों के घोटाले के कारण जिला प्रशासन में हलचल मची हुई है। इस मामले में डीएम का कहना है कि रिपोर्ट सरकार के पास भेज दी गई है। जाँच में जो भी विभागीय अधिकारी संलिप्त पाया जाएँगे उन पर सख्त कार्रवाई होगी।
सीबीआई ने इस मामले में गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी धर्मेंद्र गुप्ता, दिल्ली के रोहिणी निवासी राकेश शर्मा, सुमन शर्मा, बेहट के निवासी मोहम्मद नसीम अहमद और मोहम्मद वाजिद का नाम दर्ज़ किया है।
दसॉ (राफेल की कंपनी) और मनमोहन सरकार में अचानक से कुछ मुद्दों पर मतभेद काफी बढ़ गया था। ED की नज़र राफेल डील में हुई देरी को लेकर मिशेल पर इसलिए भी टिक गई है क्योंकि उसने अचानक से यूरोफाइटर में अपनी दिलचस्पी बढ़ा ली थी।
ये पार्टियाँ एक तरफ संसद में जीएसटी, आर्थिक आधार पर आरक्षण देने वाले बिल पर पूरा समर्थन देती हैं, वहीं दूसरी ओर संसद के बाहर राष्ट्र हित के इन इन पैमानों की जमकर आलोचना करते हैं
कर्ज़ माफ़ी के नाम पर यह घोटाला कितने बड़े स्तर का है, इसका पैमाना है अकेले डूंगरपुर जिले से लाभार्थियों की सूची। यहां के 1700 से अधिक किसानों के नाम उस सूची में हैं लेकिन आश्चर्य की बात है कि किसी ने भी लोन नहीं लिया था।