घटना रविवार रात करीब पौने 10 बजे फरीदकोट के कोट कपूरा में हरिनौ रोड पर घटी। यहाँ करीब 9:50 पर पुलिस ने दो युवकों को नशे की हालत में धुत सामने से आते देखा और इनकी दुपहिया रुकवाई। तभी दोनों युवक अपनी नौकरी की धौंस दिखाने लगे और मारपीट करके फायरिंग कर दी।
एक संदेश में लिखा है, “मैं निकला ओ गड्डी लेकर, रास्ते पर सड़क पर ओ सड़क में इक पंजाब पुलिस का अफसर आया मैं उत्थे हीरोगिरी छोड़ आया।” इस संदेश को शेयर करते हुए पुलिस ने लिखा कि गड्डी लेकर निकलोगे तो गदर हो जाएगा।
"यह झूठ है। कृपया ऐसे न्यूज पोस्ट न करें, जो इस संकट के समय में लोगों में दहशत पैदा करे। हमें एकत्रित होकर लड़ने की जरूरत है और इस महामारी से अवगत कर लोगों को मदद करनी चाहिए… घबराने की जरूरत नहीं है।"
कहने की जरूरत नहीं कि यह कितनी जटिल सर्जरी थी। ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने बताया कि जोड़ा गया हाथ पूरा सहयोग कर रहा है और जल्दी ही कुछ दिनों में पहले की तरह काम करने लगेगा।
“मैंने पंजाब के डीजीपी से अनुरोध किया है कि 2 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल की जाए। 10 दिनों के भीतर ट्रायल पूरा किया जाए। आरोपित को आजीवन कारावास दिया जाना चाहिए। इससे पूरे देश में एक संदेश जाएगा।”
पुलिस पर हमले के बाद ये लोग गुरुद्वारे में छिप गए थे। अंदर से गोलीबारी भी की। पुलिसवालों को वहाँ से चले जाने के लिए कहा। गालियाँ और धमकी दी। बाद में कमांडो टीम ने गुरुद्वारे से 7 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि हमले में ASI हरजीत सिंह का हाथ कट गया। इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई में एडमिट कराया गया है। हमले में कई अन्य पुलिसकर्मी और मंडी बोर्ड के अधिकारी घायल हुए हैं।
दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज से 651 लोग पंजाब लौटे हैं। अमरिंदर सिंह ने बताया कि इनमें से 636 ट्रेस कर लिए गए हैं जबकि 15 अन्य की तलाश जारी है।
महिला के परिवार की तरफ से शव लेने से इंकार करने के बाद सारी औपचारिकताएँ ड्यूटी मजिस्ट्रेट जगसीर सिंह ने पूरी की और शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुँचाया। परिजन अंतिम संस्कार को दूर अपनी कार में ही बैठकर देखते रहे। वे कार से उतरे भी नहीं।