आज कॉन्ग्रेस CAA का विरोध कर रही है। इसका कोई आधार नहीं है। जरूरत है उसके नेता इतिहास को समझें। नेहरू मंत्रिमंडल में राहत और पुनर्वास के लिए अलग से मंत्रालय था। मोदी सरकार ने उसी प्रक्रिया का सरलीकरण किया है।
"हम अपना घर, जमीन सब पीछे छोड़ आए हैं... सब कुछ पाकिस्तान में है। अब यही हमारा घर है। अगर आप हमें स्वीकार नहीं करेंगे तो हम कहाँ जाएँगे? कृपया हमारी पीड़ा को समझें और जो कुछ हमारे घाव को भरने की कोशिश चल रही है, उसका विरोध न करें।’’
यमुनानगर में रहने वाले पाकिस्तानी हिंदुओं ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनावों में अपना समर्थन दिया था, क्योंकि हुड्डा कहते थे कि उन्हें नागरिकता दिलवाएँगे, लेकिन आज जब मोदी सरकार ने बिल पास कर दिया है, तो वे इसका विरोध कर रहे हैं।
महक 13 दिसंबर से अपने कराची स्थित घर से गायब हुई थी। जिसके बाद उसका एक वीडियो आया है। इस वीडियो में महक हिजाब पहनकर बैठी है और अपना नाम महक केसवानी की जगह महक फातिमा बता रही है।
मौजूदा क़ानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल यहाँ रहना अनिवार्य था। नए कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह अवधि घटाकर 6 साल कर दी गई है।
उनके अंदर भारत का नागरिक बनने की सम्भावना दिखने की ख़ुशी भी थी लेकिन एक दर्द के साथ। दर्द उन परिजनों के लिए, जो पाकिस्तान में छूट गए। जो भारत में हैं, वो चाहते हैं कि पाकिस्तान के उनके परिजन अपने पुरखों की गलती सुधारते हुए यहाँ आ जाएँ क्योंकि वे सभी हिंदू भी यहीं के हैं।
पाकिस्तान से हर साल 5000 हिन्दू अपना घर-बार छोड़ कर भारत भाग आते हैं। वहाँ के 95% मंदिरों पर कब्ज़ा कर उनमें दुकानें चलाई जा रहीं। बांग्लादेश में 3000 से ज़्यादा हिन्दुओं का घर जला दिया गया। 1 करोड़ 40 लाख हिन्दू वहाँ हमेशा कट्टरपंथियों के निशाने पर। अफगानिस्तान में...
नमृता चंदानी की मौत के बाद परिवारजनों द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उसके गले में बंधे दुपट्टे को मौत के एक हफ्ते बाद फॉरेंसिक लैब भेजा गया था, जिसकी वजह से डीएनए नहीं लिया जा सका।
भारत के सीमवर्ती इलाकों में रह रहे इन हिन्दुओं को राजस्थान पुलिस पाकिस्तान भेजने की तैयारी में है। एक कट्टर इस्लामिक देश होने के चलते पाकिस्तान में हिन्दुओं पर अत्याचार चरम पर हैं। यह सभी परिवार धार्मिक वीसा के बहाने यहाँ इसी लिए रुके थे क्योंकि पाकिस्तान में हिन्दुओं को सिर्फ यातनाएँ ही मिलती हैं।
अपने अंतर्मन में हर हिन्दू यह बात जानता था कि श्री राम व राम का नाम हिन्दू धर्म की आत्मा है। राम गए तो हिन्दू धर्म नहीं बचेगा। वह आस्था, वह श्रद्धा जो हमारे रक्त और हमारी हड्डियों में समाई हुई है। राम का ‘तत्व’ ही वह शाश्वत धारा है जिसने हिन्दू समाज को विषम-से-विषम परिस्थिति में भी स्पंदित व जीवित रखा है, तथा सदैव रखेगी।