मीडिया के कई प्रमुख स्रोतों ने इस खबर को स्पष्ट तौर पर यह साबित करने का प्रयास किया है कि अमरोहा में एक दलित को मंदिर में जाने के कारण गोली से मार दिया गया।
ट्रिब्यून ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से लिखा है कि एसएसपी ने खुद उन्हें बताया कि एकता की हत्या में आरोपित शाकिब की मौत हो गई है और इस मुठभेड़ में घायल कॉन्स्टेबल का भी इलाज चल रहा है।
ऑल्टन्यूज़ अभी भी अपने इस दावे पर खड़ा है कि इसमें मुस्लिम नजरिए जैसी कोई बात नहीं थी और यह मुस्लिमों को निशाना बनाने के लिए गढ़ी गई, साथ ही यह भी रिपोर्ट को 'डेवलपिंग स्टोरी' बताते हुए खत्म किया है।
पत्रकारिता छोड़कर ऑल्टन्यूज को कोचिंग संस्थान चलाने के धंधे में भी आने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि सात दिनों के परिश्रम से जब इस तरह के परिणाम मिल सकते हैं तो ये लोग न्यूज एजेंसी की तर्ज पर 'समुदाय विशेष पीड़ित कोचिंग संस्थान' शुरू कर सकते हैं।