Tuesday, April 30, 2024

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फेक न्यूज

दूसरे मजहब के 5 लोगों ने किया हिन्दू का अंतिम संस्कार: TOI के फेक न्यूज़ से परिवार सदमे में, बेटे और भाई ने ख़बर...

अब TOI के फेक न्यूज़ की वजह से पूरा परिवार सदमे में है। हमें नहीं पता था कि ऐसा करते हुए उनकी तस्वीरें ली जा रही हैं।

अनाज के अभाव में बिहार के बच्चे खा रहे मेंढक, Scroll ने किया दावा: फर्जी साबित हुई रिपोर्ट

बिहार के जहानाबाद में कुछ बच्चे खाना न मिलने के कारण मेंढक खाने को मजबूर हैं। - वामपंथी मीडिया पोर्टल स्क्रॉल ने इस फर्जी खबर को...

बिस्किट लाने गए रिजवान को UP पुलिस ने मारा, हुई मौत: वामपंथी मीडिया ने फैलाई खबर, डॉक्टर ने बताई सच्चाई

अम्बेडकरनगर में रिजवान बिस्किट लाने गए। पुलिस ने इतना मारा कि मौत हो गई। मीडिया ने यही खबर फैलाई। लेकिन जिस डॉक्टर ने इलाज किया, उन्होंने...

TheTelegraph का झूठ: दलित का खाना सिराज अहमद ने नहीं खाया था लेकिन खबर RSS को बदनाम करने के लिए लिखी

TheTelegraph का झूठ या प्रोपेगेंडा ऐसे समझिए। दलित से खाना ना लेने वाले का नाम सिराज अहमद है, लेकिन इस खबर में फोटो RSS कार्यकर्ताओं की लगाई गई है।

गुजरात में हिंदू और मुस्लिमों के अलग-अलग कोरोना वार्ड: इंडियन एक्सप्रेस का झूठ बेनकाब

जिस डॉक्टर के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने यह दावा किया उसने भी उसकी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब इस मीडिया संस्थान ने किसी खबर को बेवजह मजहबी रंग देने का प्रयास किया हो।

800 साल पुराने गोरखनाथ मंदिर को 18वीं सदी के नवाब ने दी थी भूमि दान- आरफा खानम का झूठा दावा वायरल

तथ्य यह है कि नवाब द्वारा दान देना तो दूर, गोरखनाथ मंदिर को दो बार मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा नष्ट किया गया था। सबसे पहले इसे अलाउद्दीन खिलजी ने 14वीं सदी में नष्ट किया था। जिससे यह साबित होता है कि यह मंदिर 18वीं शताब्दी से भी पहले का है। इसके बाद फिर 18वीं सदी में भी...

भूख लगने पर बीवी को खा सकते हैं शौहर: लॉकडाउन में क्यों शेयर हो रही ‘फतवे’ की खबर?

दावा किया जा रहा है कि सऊदी अरब के मुफ्ती अब्‍दुल अजीज बिन अब्‍दुल्‍ला ने फतवा जारी कर कहा है कि भयंकर भूखा होने की हालत में अपनी बीवी को भी मारकर खा सकते हैं। सच्चाई जाने बिना ऐसा करने का मकसद क्या हो सकता है?

तबलीगी जमात के ख़िलाफ़ मत बोलो, टीवी पर आ रही सब न्यूज फेक है: रेडियो मिर्ची RJ सायमा ने किया मरकज के ‘मानव बम’...

“स्वास्थ्य अधिकारियों पर थूकना, सड़कों पर बस से बाहर थूकना, महिला कर्मचारियों के सामने अर्ध नग्न हो, भद्दी टिप्पणी करना, अस्पतालों में अनुचित माँग करना, केवल पुरुष कर्मचारियों को उनके लिए उपस्थित होने के लिए हंगामा करना और आप कितनी आसानी से कह रही हो कि इनके इरादे खराब नहीं हैं। हद है।”

तबलीगी जमात के मुखिया मौलाना साद ने PM रिलीफ फंड में दिया ₹1 करोड़, अखबार में छपी खबर: Fact Check

सोचने वाली बात है कि आखिर कोई आयरिश अखबार भारत की इस छोटी सी सूचना को अपनी मुख्य हेडलाइन क्यों बनाएगा? इस समय तो भारत में कई लोग ऐसे हैं जो बड़ा-बड़ा दान कर रहे हैं, तो फिर आयरिश अखबार सिर्फ मो. साद को ही क्यों चुनता?

तबलीगी कारनामे की लीपापोती में जुटा ध्रुव राठी और गैंग, फैलाया 8 फैक्ट चेक (फर्जी) का प्रोपेगेंडा

जब 50 करोड़ हिन्दुओं को कोरोना से खत्म करने की दुआ करता मौलवी गिरफ्तार होता है, या फिर TikTok पर युवक इसे अल्लाह का कहर बताते नजर आते हैं, तो लोगों की जिज्ञासा एक बार के लिए मुस्लिम समुदाय पर सवाल खड़े जरूर कर देती है। ऑल्ट न्यूज़ जैसे फैक्ट चेकर्स के कंधे पर बंदूक रखकर दक्षिणपंथियों के दावों को खारिज करने का दावा करने वाला ध्रुव राठी यहाँ पर एक बार फिर सस्ती लोकप्रियता जुगाड़ते व्यक्ति से ज्यादा कुछ भी नजर नहीं आते।

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