उच्चतम न्यायालय ने CBI को पीड़िता के साथ हुई सड़क दुर्घटना की जाँच के लिए 15 दिन और दिए हैं। जज शर्मा से कहा है कि वे 45 दिन के भीतर ही मामले की सुनवाई खत्म करने को कोई दबाव न मानें। यदि उन्हें लगता है कि मामले में न्याय के लिए और समय चाहिए तो.....
पीड़िता का आरोप है कि कोच फुजैल अली ने शादी का झाँसा देकर कई बार शारीरिक संबंध बनाया और जब 26 अगस्त 2019 को उसने फुजैल से शादी की बात की तो वह मुकर गया और बोला कि वह उससे शादी नहीं करना चाहता।
छापेमारी से पहले परवेज लड़की के अपने घर में होने की बात से इनकार कर रहा था। लेकिन जब पुलिस ने जाँच की तो लड़की चारपाई के नीचे से मिली। कोर्ट ने पादरी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों वाली बेंच ने कहा कि वादा करना और किन्हीं परिस्थितियों में उसे नहीं निभा पाना वादा कर धोखा देना नहीं है। कोर्ट ने कहा, " झूठे वादे कर महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने में और आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने में फर्क है।
14 अगस्त को आलम ने महिला को मिलने के लिए बुलाया और अपने तीन साथियों जैदुल इस्लाम, जैनल अबेदिन और अफिदुल हक के साथ मिलकर उसके साथ बलात्कार किया। महिला को मुँह बंद रखने की धमकी भी दी।
2017 में गोवा की अदालत से आरोप तय हो जाने के बाद तेजपाल ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख़ किया था। हाई कोर्ट ने भी आरोप खारिज करने की उनकी याचिका नामंजूर कर दी थी।
11वीं-12वीं शताब्दी के मंदिर में कुतुबुद्दीन ने लड़की को किसी बहाने बुलाया। फिर नशीली दवा खिलाई और कई बार बलात्कार किया। मंदिर की देखरेख करने वाले 2 लोगों ने रंगेहाथ कुतुबुद्दीन को पकड़ लिया और सबूत के तौर पर इसकी रिकॉर्डिंग भी की।
पीड़ित के अनुसार, "15-वर्षीय आरोपित लड़का मुझे एक कमरे में ले गया। वहाँ पहले मेरे साथ मारपीट की, और बाद में बलात्कार किया।" इस घटना की FIR तब कराई गई जब दिल्ली के रहने वाले छठी कक्षा के पीड़ित छात्र ने अपने माँ-बाप को इस बारे में बताया।
एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में सभी मामले उत्तर प्रदेश से दिल्ली की सीबीआई अदालत को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। 8 अगस्त को सीबीआई ने अदालत में बताया कि विधायक सेंगर के खिलाफ नाबालिग से रेप के पुख्ता सबूत हैं।