मोंसेरेट को राजनीतिक दल बदलने की आदत है। उसने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत यूनाइटेड गोअन डेमोक्रेटिक पार्टी (UGDP) के सदस्य के रूप में की, फिर 2004 में भाजपा में शामिल हुआ और 2007 में UGDP में वापस आ गया।
जहाँ एक तरफ मुकेश अंबानी देवड़ा का समर्थन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ राहुल गाँधी उनके भाई अनिल अंबानी पर हमलावर रुख़ अपनाते रहे हैं। देवड़ा को इस समय पूरे दक्षिण मुंबई में व्यापारी वर्ग की तरफ से समर्थन मिल रहा है। स्टेनलेस स्टील मर्चेंट एसोसिएशन, बुलियन, रत्न और ज्वेलरी एसोसिएशन से लेकर...
वीडियो देखने से पता चलता है कि पूरे पोलिंग बूथ पर काफ़ी तोड़-फोड़ की गई। VVPAT मशीन और बैलट यूनिट सहित EVM ज़मीन पर पड़ा था। इस घटना के बाद चोपरा के बूथ नंबर 112 पर मतदान रोक दिया गया।
अब यदि विपक्ष के द्वारा संवैधानिक अवहेलना एवं संस्थागत अवमानना पर विचार किया जाए, तो कई सारे उदाहरण और मिल जाएँगे। और यदि उनके इतिहास के बारे में सोचा जाए, तो ऐसे उदाहरणों की कोई कमी नहीं होगी। एक भारतीय के रूप में हमें इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान व संस्थाएँ, दोनो ही मोदी सरकार मैं पूर्ण रूप से संरक्षित हैं।
यह बिलबिलाहट जनाधार खो चुकी लुटेरी पार्टियों और चाटुकार पक्षकारों का सामूहिक रुदन है। जब तक यह सर्वजन के हित की बात नहीं करेंगे। तब तक इनका भला नहीं होने वाला अब जनता जाग चुकी है, धोखे से न नेता को वोट मिलने वाला है और न ही पक्षकारों को रीडर या दर्शक।
मायावती ने चंद्रशेखर द्वारा वाराणसी से चुनाव लड़ने को लेकर भाजपा की साज़िश बताया और ट्वीट किया था कि भाजपा दलित वोट काटने की मंशा से चंद्रशेखर को वाराणसी से चुनाव लड़वा रही है।
नामांकन दाखिल करने से पहले एक रैली को संबोधित करते हुए, शाह ने कहा, “मैंने अहमदाबाद के नारनपुरा में संघवी हाई स्कूल में एक बूथ कार्यकर्ता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और वहाँ से मैं पार्टी का अध्यक्ष बना।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा और शिवसेना में विचारों में अंतर था, लेकिन एक साथ बैठकर सभी मसलों को हल कर लिया गया है।