इन कानूनों का धरातल पर उतरने के बाद ही उनका विश्लेषण किया जा सकता है। उससे पहले, केंद्र और राज्यों के संबंधों को कमजोर करना अथवा संसद द्वारा पारित कानूनों को फाड़ना कोई लोकतांत्रिक अधिकार नही बल्कि अराजकता है।
इस सौदे में रिश्वत के रूप में 25 करोड़ रूपए लेने वाले विपिन खन्ना यूपीए सरकार में विदेश मंत्री और कॉन्ग्रेस के कद्दावर नेता कुँवर नटवर सिंह के करीबी सहयोगी हैं।
राष्ट्रवाद व राष्ट्रवादियों के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा करने वाले जार्ज सोरोस के साथ कॉन्ग्रेस के अति घनिष्ठ संबंध निकले। जो वास्तविकता में भारत के लिए चिंता का कारण हैं।