“वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं के लिए कोई अपील नहीं होगी। मस्जिदों, चर्चों, मंदिरों या अन्य पूजा स्थलों को चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।”
"सरकार ने लोगों को धर्म के नाम पर तोड़ा और अब चुनावों के लिए तोड़ रही है, उन्होंने केवल 8 चरणों में चुनावों को नहीं तोड़ा बल्कि हर चरण को भी भागों में बाँटा है।"
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में अभी आचार संहिता नहीं लगी है। उसके पहले ही सभा की इजाजत नहीं दी जा रही। ऐसे में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कैसे होंगे।