Friday, November 22, 2024

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महागठबंधन

शाह का चक्रव्यूह: ‘एयर स्ट्राइक’ का सबूत माँग-माँग कर BJP के पिच पर खेल रहा विपक्ष

शाह ने एक ऐसा चक्रव्यूह रचा है, जिसमें उन्हें पता होता है कि विपक्षी नेता किस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने वाले हैं। उनकी पार्टी तैयार रहती है। वे 'सबूत-सबूत' चिल्लाते रहते हैं, शाह संगठन मज़बूत करने में लगे रहते हैं और एजेंडा सेट करते हैं।

‘कॉन्ग्रेस-BJP मिले हुए हैं जी!’ – गिड़गिड़ाने के बाद भी कॉन्ग्रेस से गठबंधन न होने पर केजरीवाल

कॉन्ग्रेस के दिल्ली यूनिट के नेता पहले से ही AAP से गठबंधन के पक्ष में नहीं थे। इससे पहले खबर थी कि AAP ने कॉन्ग्रेस को गठबंधन के लिए फॉर्मूला सुझाया था, फॉर्मूला के तहत AAP चाहती थी कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी 6 सीटों पर लड़े और कॉन्ग्रेस सिर्फ 1 पर।

जवानों के ख़ून की दलाली महागठबंधन के नेता कर रहे हैं, और इसका फल उनको शीघ्र मिलेगा

जबकि, ऐसे मौक़ों पर चुप होकर देश और सेना के साथ खड़े होने का बात कहते हुए अपने वोटर बेस को बचाने की जुगत भिड़ानी थी, महागठबंधन एक तरह से भाजपा की तैयार पिच पर खेल रही है, और अपना जनाधार सेना पर सवाल खड़े करते हुए खो रही है।

‘कॉन्ग्रेस को मना-मनाकर थक गए हैं, लेकिन वो AAP से गठबंधन के लिए तैयार नहीं’: अरविन्द केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बीजेपी के ख़िलाफ़ लड़ रही AAP को कमजोर करने का काम कर रही कॉन्ग्रेस।

12वीं पास आदमी को हस्ताक्षर करने की समझ नहीं… केजरीवाल के बेहूदे बयान से करोड़ों युवा आहत!

"पिछली बार आपने 12वीं पास व्यक्ति को देश का प्रधानमंत्री बनाया। इस बार यह गलती मत दोहराइएगा और किसी शिक्षित को ढूंढिए"

₹11.2 करोड़: चंद्रबाबू नायडू के 1 दिन के धरने का ख़र्च, पार्टी फंड से नहीं बल्कि सरकारी ख़जाने से

पीएम मोदी पहले ही नायडू की आलोचना करते हुए कह चुके हैं कि चंद्रबाबू आंध्र की तिजोरी से जनता का पैसा निकाल कर अपनी पार्टी के लिए ख़र्च कर रहे हैं।

अनशन, आंदोलन, सत्याग्रह के ख़िलाफ़ गाँधी जी का मौन व्रत!

गर आज गाँधी जी ज़िन्दा होते तो एक अनशन और करते... कि देश में कोई और अनशन न करे।

लोकसभा में पेपर प्लेन, विधानसभा में पेपर बॉल: लेकिन लोकतंत्र की हत्या मोदी कर रहा है!

ये लोग लोकतंत्र, फ़ेडरल स्ट्रक्चर, संविधान और तमाम तरह की बातें करते हैं लेकिन सत्ता से दूर होने पर इनकी बिलबिलाहट इनसे हर वो कार्य पब्लिक में करवा रही है, जो किसी भी जन प्रतिनिधि को प्राइवेट स्पेस में भी नहीं करना चाहिए।

प्यारे बुद्धिजीवियो! नितिन गडकरी उड़ता तीर है, इसे लेकर बुरे फँसोगे

दिवास्वप्न देखना और कॉन्पिरेसी थ्योरी में यकीन करना कॉन्ग्रेस पार्टी का एक पार्ट टाइम पेशा बनता जा रहा है, और शायद इस तरह की संभावनाओं पर भविष्यवाणियाँ कर के कॉन्ग्रेस के नेता अपने लिए 2019 के आम चुनावों के बाद रोज़गार तलाश रहे हैं।

कलिकाल के संजय हैं दिव्यदृष्टिधारी जनेऊधारी शिवभक्त रामभक्त दत्तात्रेय गोत्री राहुल गाँधी

राहुल गाँधी की दिव्यदृष्टि एक के बाद एक सपने देखने में अब तक लगातार कामयाब रही है। जैसे उनका एक सपना था कि राफेल डील की फ़ाइलें पर्रीकर के बेडरूम में थीं।

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