फ़िलहाल, लालू यादव जेल में ही रहेंगे क्योंकि इसी चारा घोटाला में उन्हें दुमका और चाईबासा कोषागार मामले में ज़मानत नहीं मिली है। हालाँकि, लालू यादव के वकील ने कहा है कि वो इन दोनों मामलों में भी ज़मानत याचिका दायर करेंगे।
जस्टिस केपी देव व जस्टिस अपरेश कुमार की खंडपीठ ने इस याचिका को किसी अन्य पीठ के पास भेजने का निर्देश दिया। लालू यादव पहले से ही चारा घोटाला के अन्य मामलों में दोषी करार दिए जाने के बाद राँची में जेल की हवा खा रहे हैं।
“मैं और झारखंड के राष्ट्रीय जनता दल के 90 फीसदी कार्यकर्ता व नेता लालू प्रसाद यादव से नाराज हैं। अब राष्ट्रीय जनता दल में लोकतंत्र नहीं बचा है, लिहाजा हमने नई पार्टी बनाई है और अब हम खुद झारखंड के लोगों की सेवा करेंगे।”
फेयर ग्रो शेल कंपनी का ना कोई कारोबार था, ना ही यह कंपनी कोई टैक्स देती थी, फिर भी कंपनी के नाम पर करोड़ों की संपत्ति थी। लालू यादव के दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव व दो बेटियाँ रागिनी व चंदा इस कंपनी में वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक निदेशक रहे हैं।
जिस वॉर्ड में सजायाफ्ता कैदी लालू यादव का इलाज चल रहा है, उसका खर्चा 1000 रुपए प्रतिदिन है। लेकिन मीसा भारती अपने पिता से जाकर यह नहीं पूछती कि वो एक साधारण नागरिक की तरह जनरल वॉर्ड में इलाज क्यों नहीं करवा रहा?
लालू यादव दर्जनभर बीमारियाें से पीड़ित हैं। उन्हें बहुत दिनों से हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज है। उनकी कार्डियक सर्जरी भी हो चुकी है। उनके हार्ट का वाॅल्व बदला जा चुका है। इसके अलावा वह वह क्राेनिक किडनी फेल्याेर (स्टेज थ्री) से भी पीड़ित हैं। इसके अलावा उन्हें प्राेस्टेट, हाइपर यूरीसिमिया, पेरिनियल इंफेक्शन, किडनी स्टाेन और फैटी लीवर की समस्या भी है।
90 के दशक में बिहार में किसी भी कार्य को करने के लिए, चाहे वो भवन निर्माण हो या दुकानदारी, सब के लिए एक अत्यंत ही 'सरल रंगदारी टैक्स' चुकाना पड़ता था। यह एक 'सिंगल विंडो क्लीयरेंस' जैसी व्यवस्था हुआ करती थी। जहाँ रंगदारी के एकमुश्त भुगतान के तुरंत बाद ही आप अपना काम करने के लिए स्वतंत्र हो जाते थे।
पप्पू यादव ने RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटों को कुपुत्र करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि RJD ने बिहार में मुस्लिम उम्मीदवारों को हराने के लिए भाजपा से समझौता कर लिया है।
केसी त्यागी ने लालू यादव पर वाम दलों के साथ धोखा करने का आरोप भी मढ़ा। उन्होंने कहा कि वामदल हमेशा लालू के लिए खड़ा रहा लेकिन कन्हैया को टिकट न देकर लालू ने वाम दलों को धोखा दिया। त्यागी ने 'विचारधारा में अंतर' के बावजूद कन्हैया कुमार से सहानुभूति जताई।
लालू चारा घोटाले में राहत के बदले नीतीश कुमार की सरकार गिराने के लिए तैयार थे; जब जेटली ने यह पेशकश ठुकरा दी तो लालू अंत में खुद जेटली से मिलने पहुँचे।