शिवसेना के नेता मिलिंद नार्वेकर और एकनाथ शिंदे दो एनसीपी विधायकों संजय बंसोड और बालासाहब पाटिल को मुंबई एयरपोर्ट से लेकर आए। कहा जा रहा है कि ये दोनों अजित पवार गुट के विधायक हैं।
कहा जाता है कि पवार ने 41 साल पहले जो कुछ किया था वो अपने राजनीतिक गुरु यशवंत राव चव्हाण के इशारे पर किया था। तो क्या अजित भी अपने राजनीतिक गुरु शरद पवार की मिलीभगत से ही भाजपा के पाले में गए हैं?
"मुझे पता है कि 10-11 विधायक अजित पवार के साथ हैं। लेकिन बागी विधायकों को मेरी चेतावनी है। मैंने अपने भतीजे अजित के फ़ैसले का समर्थन नहीं किया है। अगर विधायक उससे हाथ मिलाते हैं तो उन्हें दल-बदल विरोधी क़ानून याद रखना चाहिए। वे अपनी सदस्यता खो सकते हैं।"
केंद्रीय मंत्री आठवले ने पिछले दिनों कहा था कि अमित शाह ने कहा है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा और महाराष्ट्र में भाजपा की ही सरकार बनेगी। अब उन्होंने शरद पवार की एनसीपी को केंद्र में 2 कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री का पद दिए जाने की संभावना जताई है।
उद्धव ठाकरे ने बैठक के बाद कहा कि तीनों दल किसी भी मुद्दे को टालना नहीं चाहते हैं और सभी मसलों पर आम सहमति के बाद ही काम किया जाएगा। शरद पवार ने साफ़ कर दिया है कि महाराष्ट्र की नई सरकार का नेतृत्व उद्धव ठाकरे करेंगे।
राउत की मानें तो गुरुवार दोपहर तक महाराष्ट्र में सरकार गठन की तस्वीर साफ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अब ज्यादा इतंजार करने की ज़रूरत नहीं है, सरकार गठन में बस 5-6 दिन और लगेंगे।
महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। आज राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस संबंध में रिपोर्ट रखेंगे। एनसीपी और कॉन्ग्रेस के नेताओं के बीच होने वाली बैठक पर भी सबकी नजरें टिकी है। शिवसेना ने अपने सभी विधायकों को आधार कार्ड के साथ मुंबई तलब किया है।
महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के एनसीपी से गठबंधन की भी खबर सामने आई थी। मगर इस पर एनसीपी ने खुद सोनिया गाँधी और उनकी पार्टी का मुँह ताकना शुरू कर दिया।
जब शरद पवार से पूछा गया कि क्या सोनिया गाँधी महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिल कर सरकार गठन करने के ख़िलाफ़ हैं, पवार ने कहा कि सरकार गठन को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि किसी अन्य तीसरे दल के बारे में चर्चा हुई ही नहीं।