Sunday, September 1, 2024
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फँस गई शिवसेना: सरकार बनाने पर सोनिया गाँधी से पवार ने नहीं की बात

शरद पवार के इस रुख से शिवसेना को झटका लगा है, जो लगातार अपने पास 170 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रही है। शिवसेना एनसीपी और कॉन्ग्रेस के समर्थन के बलबूते सरकार बनाने की बात करती आ रही है।

कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाक़ात के बाद शरद पवार के तेवर बदले-बदले नज़र आ रहे हैं। पवार ने बैठक के बाद कहा कि शिवसेना के साथ सरकार गठन को लेकर कॉन्ग्रेस अध्यक्ष से कोई बातचीत ही नहीं हुई। पवार का ये बयान चौंकाने वाला है क्योंकि अब तक शिवसेना, एनसीपी और कॉन्ग्रेस गठबंधन द्वारा मिल कर सरकार बनाने की बातें मीडिया में चलाई जा रही थीं। एनसीपी के मुखिया आज सोनिया गाँधी के दिल्ली स्थित आवास पर पहुँचे और वहीं दोनों नेताओं की बैठक हुई।

बैठक के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि उन्होंने सोनिया गाँधी को महाराष्ट्र की ताज़ा राजनीतिक परिस्थितियों से अवगत कराया। उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष को राज्य में चल रही राजनीतिक हलचल के बारे में जानकारी दी। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी भी इस दौरान बैठक में मौजूद थे। पवार ने कहा कि कॉन्ग्रेस और एनसीपी के कुछ नेता आपस में बात करेंगे और जो भी निष्कर्ष निकलेगा, उससे दोनों दलों के आलाकमान को अवगत कराएँगे।

जब शरद पवार से पूछा गया कि क्या सोनिया गाँधी महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ मिल कर सरकार गठन करने के ख़िलाफ़ हैं, पवार ने कहा कि सरकार गठन को लेकर कोई बातचीत ही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि किसी अन्य तीसरे दल के बारे में चर्चा हुई ही नहीं। बकौल पवार, उनकी और सोनिया की बैठक में सिर्फ़ कॉन्ग्रेस और एनसीपी को लेकर ही बातचीत हुई। इधर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि उन्होंने संजय राउत के सामने 3 साल भाजपा का और 2 साल शिवसेना का सीएम वाले फॉर्मूले को लेकर चर्चा की, जिसपर वो राजी भी हो गए। उन्होंने बताया कि अब वो इस सम्बन्ध में भाजपा से बात करेंगे।

शरद पवार के इस रुख से शिवसेना को झटका लगा है, जो लगातार अपने पास 170 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रही है। शिवसेना एनसीपी और कॉन्ग्रेस के समर्थन के बलबूते सरकार बनाने की बात करती आ रही है। वहीं सोनिया गाँधी शिवसेना की हिंदुत्ववादी विचारधारा के कारण उसे समर्थन देने से हिचक रही है। कॉन्ग्रेस के नव-निर्वाचित विधायक चाहते हैं कि महाराष्ट्र में पार्टी शिवसेना को समर्थन दे लेकिन आलाकमान इसके ख़िलाफ़ है। फ़िलहाल राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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