Wednesday, July 16, 2025
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लड़कियों की टीम में लड़कों को भी खेलाओ: इनकार करने पर महिला लीग को निलंबित करने की धमकी, लैंगिक भेदभाव के नाम पर बवाल

एक महिला क्लब मैनेजर ने कहा, "हमने माता-पिता और खुद लड़कियों से बात की है। उनमें से कई को हमने मिश्रित सेक्स लीग से 'बचाया' है, जहाँ उन्हें गेंद पास करने से बाहर रखा गया है, क्योंकि इससे उनकी हड्डियाँ टूट गईं। मुझे माता-पिता ने भी सूचित किया है कि वे अपनी बेटियों को लीग से निकालने पर विचार कर रहे हैं। लड़कियाँ खुद कह रही हैं कि अगर लड़के खेलेंगे तो वे इसे छोड़ देंगी।"

ब्रिटेन में लड़कियों की सबसे बड़ी फुटबॉल लीग में से एक को फुटबॉल एसोसिएशन ने बंद करने की कार्रवाई करने की धमकी दी है। यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि उसने अपने मैचों में एक लड़के को खेलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। लड़के के माता-पिता की शिकायत के बाद FA और यॉर्कशायर में महिला लीग चलाने वाले अधिकारियों के बीच विवाद छिड़ गया था।

एफए ने धमकी दी है कि अगर लड़कों को मैच नहीं खेलने दिया गया तो वेस्ट राइडिंग गर्ल्स फुटबॉल लीग को प्रतिबंधों और निलंबित किया जाएगा। अधिकारियों ने इसे ‘लड़कियों के खेल के लिए एक बड़ा खतरा’ करार दिया है। पिछले सप्ताह लीग के आयोजकों ने एक आपातकालीन बैठक की गई थी, जहाँ चिंता व्यक्त की कि लड़कों को खेलने की अनुमति देने से इस तरह माँगों की बाढ़ आ जाएगी।

जिन आयोजकों ने यह बैठक की थी, उनमें 300 से अधिक टीमों में कम-से-कम 6,000 अंडर-18 लड़कियाँ खेल रही हैं। वहीं, एफए की जेंडर पॉलिसी में कहा गया है कि किसी भी अंडर-16 टीम को लड़कों और लड़कियों दोनों को खेलने की अनुमति देनी चाहिए। हालाँकि, FA यह जानता है कि एक जेंडर की शारीरिक ताकत, सहनशक्ति या शरीर दूसरे के नुकसान पहुँचा सकती है।

दरअसल, पिछले साल अक्टूबर महीने के अंत में लड़के के माता-पिता ने वेस्ट राइडिंग गर्ल्स लीग से कहा था कि उनका बेटा अन्य लड़कों के साथ खेलना नहीं चाहता था। उन्होंने लीग से पूछा था कि ऐसी स्थिति में उसकी क्षमता के स्तर के कारण उनका बेटा इस लीग में शामिल हो सकता है। हालाँकि, लीग ने उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लीग द्वारा अनुरोध अस्वीकार करने के बाद लड़के के माता-पिता ने वेस्ट राइडिंग काउंटी फुटबॉल एसोसिएशन के पैरेंट संगठन राष्ट्रीय एफए में एक अपील की। FA ने आयोजकों को बताया कि वे इस आवेदन को अस्वीकार करने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिए वे लड़के को अगर टीम में नहीं खेलाते हैं तो उन्हें प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।

इसके बाद पिछले सप्ताह लीग के सचिव ने अपने सदस्यों को एक ईमेल भेजकर कहा, “यह लड़कियों के खेल के लिए एक बड़ा खतरा है और हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अगर हम इससे डटकर लड़ते हैं तो यह एक लंबा संघर्ष हो सकता है। सभी इरादों और उद्देश्यों के लिए हम न केवल अपनी लड़कियों की लीग, बल्कि देश की सभी लड़कियों की लीगों की अखंडता के लिए लड़ेंगे।”

एक महिला क्लब मैनेजर ने कहा, “हमने माता-पिता और खुद लड़कियों से बात की है। उनमें से कई को हमने मिश्रित सेक्स लीग से ‘बचाया’ है, जहाँ उन्हें गेंद पास करने से बाहर रखा गया है, क्योंकि इससे उनकी हड्डियाँ टूट गईं। मुझे माता-पिता ने भी सूचित किया है कि वे अपनी बेटियों को लीग से निकालने पर विचार कर रहे हैं। लड़कियाँ खुद कह रही हैं कि अगर लड़के खेलेंगे तो वे इसे छोड़ देंगी।”

एक पुरुष कोच ने कहा कि जब उन्होंने अपनी टीम की लड़कियों की राय पूछा तो सबने कहा कि वे इस निर्णय से खुश नहीं हैं। उनमें से कुछ लड़कियों ने फुटबॉल छोड़ने की भी बात कही। जेंडर आधारित अधिकार समूह की फियोना मैकएनेना ने कहा, “पिच पर एक लड़का सब कुछ बदल देता है। एफए का लड़कियों से यह कहना लैंगिक भेदभाव है कि उन्हें एक पुरुष खिलाड़ी को स्वीकार करना होगा।”

एफए के एक प्रवक्ता ने कहा, “वेस्ट राइडिंग एफए इस मामले पर संबंधित लीग और संबंधित क्लबों के साथ काम कर रहा है। हम उनका समर्थन करना जारी रखेंगे, ताकि सभी के लिए उचित समाधान निकाला जा सके। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हर किसी को जूनियर फुटबॉल खेलने का अवसर मिले, जिसमें मिश्रित टीमें भी शामिल हैं। ऐसा नियम है कि लड़के-लड़कियाँ साथ खेल सकते हैं।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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