आरोप है कि ‘छत्रपति सम्भाजी’ फिल्म को सेंसर बोर्ड के अधिकारी सईद रबी हाशमी ने प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया है। यह फिल्म 26 जनवरी, 2024 को रिलीज होनी थी लेकिन इसे सेंसर बोर्ड ने प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया। इसको लेकर अब निर्माता ने सेंसर बोर्ड पर आरोप लगाए हैं कि लिखित सबूत दिए जाने के बाद भी प्रमाण पत्र नहीं दिया गया।
छत्रपति सम्भाजी फिल्म के निर्माता निर्देशक राकेश सुबेसिंह दुलगज ने कहा है कि उन्होंने सेंसर बोर्ड के सामने अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग भी करवा दी थी लेकिन इसके बाद भी उन्हें 26 जनवरी तक प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। इसके लिए सेंसर बोर्ड के मुंबई क्षेत्राधिकारी सईद रबी हाशमी ने औरंगजेब के खिलाफ सबूत दिखाने की बात कही।
दुलगज ने बताया है कि यह फिल्म पिछले 8 साल से बन रही है। फिल्म मराठा शासक छत्रपति सम्भाजी के जीवन के ऊपर बनी है। यह फिल्म मराठी और हिंदी दोनों भाषाओं में रिलीज होनी थी। इसको लेकर दुलगज ने सेंसर बोर्ड के समक्ष अपनी फिल्म के प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया था। उन्होंने बताया कि 12 जनवरी, 2024 को सेंसर बोर्ड से फ़ोन आया कि अगले दिन उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई है। इसके बाद 13 जनवरी की सुबह उन्होंने पूरी फिल्म अधिकारियों को दिखा दी।
फिल्म देखने के बाद यहाँ के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें यू/ए प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। उनसे कहा गया कि 25 जनवरी, 2024 तक उन्हें प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। इसको लेकर दुलगज ने अपनी फिल्म की रिलीज डेट 26 जनवरी, 2024 को रख दी। हालाँकि, उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। दुलगज ने कहा कि उनसे जो बदलाव के लिए कहा गया था वह उन्होंने कर दिए थे लेकिन फिर भी उनकी फिल्म को रोका गया।
दुलगज ने कहा कि मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में नए आए अधिकारी सईद रबी हाशमी ने इस बात को लेकर सबूत दिखाने की माँग की कि क्या औरंगजेब ने छत्रपति सम्भाजी पर इस्लाम कबूलने का दबाव डाला था। इसको प्रमाणित करने वाली किताबें दुलगज से सेंसर बोर्ड में जमा कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि मुग़ल शासक औरंगजेब ने मराठा छत्रपति सम्भाजी महाराज को बंधक बनाकर कई दिनों तक यातनाएं दी थी और उन पर इस्लाम कबूलने का दबाव डाला था। जब उन्होंने इस्लाम कबूलने से मना कर दिया तो उन्हें मार दिया गया था। छत्रपति सम्भाजी के साथ हुई बर्बरता के विषय में यहाँ क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।