पिछले महीने के अंतिम तारीख यानी 31 मई को महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के मुलावा क्षेत्र में अहिल्याबाई होल्कर जयंती पर आयोजित हिंदुओं की रैली पर मुस्लिमों की उपद्रवी भीड़ ने हमला कर दिया।बताया जा रहा है कि रैली के दौरान मुस्लिम बहुल इलाके में डीजे सिस्टम पर गाने बजाए जाने के कारण मुस्लिमों की भीड़ द्वारा यह हमला किया गया।
ऑपइंडिया को मिली शिकायत की कॉपी के अनुसार, रैली जब टीपू सुल्तान चौक पर पहुँची तो इसमें शामिल हिंदुओं पर शेख साहिल, शेख इरशाद, शेख मोहसिन, शेख गफ्फार, शेख सरवर, इलियास अहमद अब्दुल कादर, मोहम्मद नवीर अब्दुल गफ्फार, सैय्यद माजिद, सैय्यद गनी, अजीज खान, गुलाब खान सहित अन्य आरोपितों ने पथराव कर दिया।
पुलिस ने ऑपइंडिया को पुष्टि की है कि अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर आयोजित रैली के दौरान मुस्लिमों की उपद्रवी भीड़ ने हिंदुओं पर हमला किया। इस हमले में ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को भी चोटें लगी हैं। वहीं, पथराव एवं हमले में रैली में शामिल नाबालिगों सहित कई लोग घायल हो गए हैं।
इस मामले में भारतीय दंड संहिता 1860 (IPC) की धारा 143, 147, 148, 149, 324, 353, 332, 504 और 506 के तहत शिकायत दर्ज की गई है। इन पर महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 135 भी लगाई गई है। पुलिस ने करीब 16 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में रैली में शामिल कुछ हिंदू भी हैं। इन लोगों ने मुस्लिमों के हमले का जवाब देने की कोशिश की थी।
हमला सुनियोजित था, पहले से ही पत्थर जुटा लिए गए थे
स्थानीय समाचार रिपोर्ट के अनुसार, घटना 31 मई 2024 की रात 8:30 बजे की बताई जा रही है। रैली उमरखेड तालुका के मुलावा क्षेत्र से शांतिपूर्ण तरीके से गुजर रही थी। रैली टीपू सुल्तान चौक पर ज़मज़म किराना दुकान के पास पहुँची तो मुस्लिमों की भीड़ ने रैली में शामिल लोगों पर हमला कर दिया। कहा जाता है कि डीजे सिस्टम पर बज रहे गानों से मुस्लिम भड़क गए।
बिना किसी बात के भीड़ ने रैली में शामिल हिंदुओं पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। रैली में शामिल नाबालिगों सहित कई हिंदुओं को गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। इसके बाद रैली में शामिल कुछ लोगों ने भी जवाबी कार्रवाई में हमला किया। पुलिस अधिकारियों को घटना की जानकारी मिली और वे तुरंत मौके पर पहुँच गए।
अधिकारी देवीदास अठावले, संदीप शेरे हिम्मत बंदगर और समाधान नरवाड़े मौके पर पहुँचे और मामले को शांत करने की कोशिश की, लेकिन पत्थरबाजी जारी रही। इसके परिणामस्वरूप कुछ पुलिस अधिकारियों को भी चोटें आईं। इस मामले में पुलिस अधिकारी देवीदास अठावले ने शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, इलाके में शांति के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
ऑपइंडिया को कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि उपद्रवी मुस्लिमों ने पहले ही हमले की योजना बना ली थी और पत्थरों को इकट्ठा कर लिया था। नाम नहीं बताने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया, “जिस इलाके में घटना हुई, वहाँ सीमेंट की सड़कें हैं और उन्हें सड़क के किनारे पत्थर नहीं मिल पाए। वे ज़मज़म किराना दुकान के पास पत्थरों के साथ तैयार थे और जैसे ही रैली टीपू सुल्तान चौक पर पहुँची, उन्होंने तुरंत हमला करना शुरू कर दिया।”
वहीं, एक अन्य व्यक्ति ने दावा किया कि मुस्लिमों ने हमला करने से पहले सड़क पर लगी लाइटें बंद कर दी थीं, ताकि कोई यह न जान सके कि पत्थर किसने फेंके। उस शख्स ने ऑपइंडिया को बताया, “मुस्लिमों ने हमला करने से पहले लाइटें बंद कर दी थीं। यह सब योजनाबद्ध लग रहा था। वे बड़े-बड़े पत्थरों के साथ तैयार थे।”
पुलिस अधिकारी और हिंदू नाबालिगों को भी चोटें आईं
इस घटना के बाद यवतमाल के एसपी पवन बनसोडे, पीआई पीयूष जगताप और हनुमंतराव गायकवाड़ ने 1 जून 2024 को इलाके का दौरा किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इलाके में शांति बनी रहे। एसपी बनसोडे ने कहा, “लोगों को शांति बनाए रखनी चाहिए। नागरिकों को किसी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए।”
पुलिस अधीक्षक पवन बनसोडे ने आगे कहा, “लोगों को किए बिना दिक्कत के अपनी दिनचर्या जारी रखनी चाहिए। वे अफवाहों पर विश्वास न करें। हम मामले की जाँच कर रहे हैं। रैली के दौरान पत्थरबाजी करने वाले 16 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है और उनमें से कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। आगे की जाँच जारी है।”
ऑपइंडिया द्वारा प्राप्त पुलिस प्रति के अनुसार, मुस्लिम समुदाय द्वारा किए गए हमले का जवाब देने का प्रयास करने वाले कुछ हिंदू व्यक्तियों पर भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। इनकी पहचान ज्ञानेश्वर कदम, वैभव गोरे, विट्ठल लाडके और अन्य के रूप में की गई है।
मुस्लिमों ने किया हमला, 2 मुख्य आरोपी गिरफ्तार: पुलिस
ऑपइंडिया ने इस संबंध में पोफली थाने के एपीआई पंकज दाभाड़े से खास बातचीत की। उन्होंने टीपू सुल्तान चौक पर रैली निकाल रहे हिंदुओं पर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हमले की पुष्टि की। एपीआई दाभाड़े ने कहा, “रैली पर मुस्लिमों के हमले में शामिल कई लोग घायल हो गए। मुस्लिमों ने पत्थरबाजी की, जिसके बाद रैली में शामिल कई अन्य लोगों ने भी जवाबी हमला किया।”
उन्होंने आगे कहा कि मामले को शांत करने की कोशिश करने वाले कई पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया गया और उन्हें चोटें आई हैं। उन्होंने कहा, “अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें मुस्लिम समुदाय से जुड़े 2 मुख्य आरोपित शामिल हैं। इन 16 लोगों में 7 हिंदू हैं। जाँच चल रही है और मुख्य आरोपित को कानून के अनुसार कड़ी सजा दी जाएगी।”
यवतमाल जिले में और उसके आसपास के इलाकों में इस तरह की घटनाएँ अक्सर देखने को मिलती रहती हैं। पिछले साल महाराष्ट्र पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर सोशल मीडिया पर इस्लामवादी प्रोपेगेंडा वाली स्टोरी अपलोड करने पर शेख आफताब शेख मन्नान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
आरोपित शेख आफताब शेख मन्नान ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज को मुस्लिम आक्रांता औरंगजेब के सामने झुकते हुए दिखाया गया था। आरोपित ने इस वीडियो के कैप्शन में लिखा था, “औरंगजेब हिंदुस्तान का बाप।” इस घटना के बाद मामले में आवश्यक गिरफ्तारियाँ भी की गई थीं।