कश्मीर में सक्रिय आतंकियों को पाकिस्तान पूरी मदद कर रहा है। दशकों से भारत के खिलाफ कश्मीर में प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा पाकिस्तान अब आतंकियों को दवाइयाँ और हथियार तो देता ही रहा था, अब हाईटेक कम्यूनिकेशन डिवाइस भी दे रहा है, ताकि वो भारतीय सुरक्षाबलों से सुरक्षित रहते हुए भारतीयों पर हमले कर सकें। हाल ही में रियासी में हुए आतंकी हमले में शामिल 2 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है, जिनके पास से पाकिस्तानी डिवाइस बरामद हुई है। बरामद हुए सामानों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान अब तक जिन आतंकियों की चोरी-छिपे मदद करता था, वो अब खुलकर सामने आ चुका है।
न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर के घाटी वाले इलाकों की तुलना में हाल के दिनों में जम्मू वाले इलाकों में आतंकी हमलों में तेजी आई है। पाकिस्तान अब इधर आतंकियों को सक्रिय कर चुका है। इसी कड़ी में रियासी में बस पर हुए आतंकी हमलों में शामिल रहे दो आतंकी कठुआ जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास हीरानगर इलाके में ढेर हुए हैं। मारा गया एक आतंकी जैश-ए-मोहम्मद का टॉप कमांडर रिहान था, तो दूसरा कथित तौर पर उसका पीएसओ था।
दोनों आतंकियों के पास से बरामद सामान बता रहे हैं कि दोनों आतंकवादियों को पाकिस्तानी सेना से मदद मिल रही थी। मारे गए आतंकी रिहान के पास से नाइट स्कोप और फ्रीक्वेंसी सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस वाली एम-फोर राइफल मिली है। इसके अलावा वह माइक्रो कंपनी का सैटेलाइट कम्युनिकेशन डिवाइस भी इस्तेमाल कर रहा था। माइक्रो कंपनी की डिवाइस पाकिस्तान की सेना, नौसेना और वायु सेना करती है। जो इस बात की पुष्टि करती हैं कि आतंकियों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में एक हफ्ते के अंदर रियासी, कठुआ और डोडा जिलों में आंतकी हमले हुए हैं। इन हमलों में कम से कम 11 लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें एक सीआरपीएफ का जवान भी शामिल है। सुरक्षी बलों के साथ मुठभेड़ में दो आतंकी भी ढेर हुए हैं। इस हमले के बाद पाकिस्तान के रावलकोट में जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन के नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें जैश कमांडर रजाक और हिजबुल का डिप्टी कमांडर खालिद शामिल हुआ था। बैठक में दिए गए भाषणों के दौरान भारत को कल (9 जून) की तरह और अधिक नुकसान पहुँचाने का आह्वान किया गया।