Saturday, October 12, 2024
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अपने ही मंत्री के आदेश से हिमाचल की कॉन्ग्रेस सरकार ने झाड़ा पल्ला, कहा- दुकानों पर नाम लिखने का नहीं हुआ है फैसला: हाईकमान ने भी विक्रमादित्य सिंह को फटकारा

कॉन्ग्रेस सरकार ने यह भी बताया है कि इस संबंध में एक कमिटी का गठन किया गया है। इसके मुखिया राज्य सरकार में मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान होंगे। इस कमिटी में भाजपा और कॉन्ग्रेस, दोनों राज्यों के विधायक शामिल होंगे। कमिटी इस मुद्दे को लेकर विचार विमर्श करेगी। यह कमिटी अपने सुझाव सरकार को देगी।

रेस्टोरेंट-ढाबों और खाने-पीने की रेहड़ियों पर दुकान मालिक का नाम दर्शाने को लेकर लिए गए फैसले से हिमाचल प्रदेश सरकार पलट गई है। हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने इस फैसले को लेकर अपना स्पष्टीकरण जारी किया है। कॉन्ग्रेस सरकार ने साफ़ किया है कि अभी ऐसा कोई फैसला लागू नहीं किया जा रहा है।

राज्य सरकार ने गुरुवार (26 सितम्बर, 2024) को इस संबंध में एक बयान जारी किया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया है कि वर्तमान में ऐसा कोई आदेश लागू नहीं है लेकिन इस पर राज्य सरकार कैबिनेट बैठक में मंथन करेगी। कॉन्ग्रेस सरकार ने कहा है कि यह फैसला लेने से पहले सभी लोगों से राय ली जाएगी।

कॉन्ग्रेस सरकार ने यह भी बताया है कि इस संबंध में एक कमिटी का गठन किया गया है। इसके मुखिया राज्य सरकार में मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान होंगे। इस कमिटी में भाजपा और कॉन्ग्रेस, दोनों राज्यों के विधायक शामिल होंगे। कमिटी इस मुद्दे को लेकर विचार विमर्श करेगी। यह कमिटी अपने सुझाव सरकार को देगी।

कॉन्ग्रेस सरकार ने यह स्पष्टीकरण कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के ऐलान के एक दिन के बाद दिया है। विक्रमादित्य सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट करके इस निर्णय की जानकारी दी थी। इसमें उन्होंने बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शुद्ध भोजन मिले, इसके नाम दर्शाने को अनिवार्य किया जा रहा है।

विक्रमादित्य सिंह ने इस निर्णय को बताते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा लिए गए ऐसे ही निर्णय की एक फोटो डाली थी। विक्रमादित्य सिंह के इस बयान के बाद खलबली मच गई थी। कहा गया था कि यह निर्णय उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के नक़्शेकदम पर लिया गया है।

योगी सरकार ने इससे पहले कांवड़ यात्रा के दौरान जब ऐसा ही निर्णय लिया था तो कॉन्ग्रेस ने इसे संविधान पर हमला बताया था। इसके बाद जब हिमाचल प्रदेश की कॉन्ग्रेस सरकार ने ऐसा ही निर्णय लिया तो लोगों ने दोहरे रवैये पर प्रश्न उठाए। इसके बाद गुरुवार को इस संबंध में स्पष्टीकरण दे दिया गया।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में आदेश दिया है कि होटल-रेस्टोरेंट, ढाबों और दुकानों पर मालिक और मैनेजर का नाम और उनका पता स्पष्ट रूप से प्रदर्शित की जाए। इसके अलावा सरकार ने आदेश दिया है कि रेस्टोरेंट-होटल में सब कहीं CCTV भी लगाए जाएँ।

विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को इसको लकर सफाई भी दी। उन्होंने कहा कि उनके राज्य में नाम प्रदर्शित करने को लेकर लिया गया निर्णय योगी सरकार से सम्बन्धित नहीं है। उन्होंने कहा कि था कि हिमाचल अलग राज्य है और इसके अलग मुद्दे हैं। उन्होंने कहा कि हालिया घटनाओं के कारण इस मामले पर कमिटी बनाई गई है।

रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि विक्रमादित्य के इस बयान को लेकर कॉन्ग्रेस हाईकमान खफा है। दावा किया गया है कि विक्रमादित्य सिंह से ऐसे बयानों से बचने की अपील की गई है। यह भी बताया गया है कि कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे विक्रमादित्य सिंह से इस बात को लेकर खासे गुस्सा हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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