Wednesday, July 3, 2024
Homeदेश-समाज21 साल का B.Sc का छात्र कराता है UPSC की ऑनलाइन तैयारी, खरीदी कार...

21 साल का B.Sc का छात्र कराता है UPSC की ऑनलाइन तैयारी, खरीदी कार तो प्रोफेसर भी रह गए दंग: छात्रों में सरकारी कर्मचारी से लेकर इंजीनियर तक शामिल

सयूज की प्लानिंग है कि वो सरकारी नौकरी पाने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को मुफ्ट कंटेंट प्रोवाइड कराएँगे, ताकी जिन युवाओं के पास पैसा नहीं है, वो भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सफलता हासिल कर सके।

महज 21 साल का लड़का, जो बीएससी (माइक्रोबॉयोलॉजी) की पढ़ाई कर रहा है, वो प्राइवेट यूट्यूब चैनल के माध्यम से यूपीएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता है। अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से आज वो कार भी खरीद चुका है और ग्रेजुएट होते ही सरकारी नौकरी करने की तैयारी कर रहा है। छात्र की प्लानिंग है कि वो सरकारी नौकरी पाने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को मुफ्ट कंटेंट प्रोवाइड कराएँगे, ताकी जिन युवाओं के पास पैसा नहीं है, वो भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर सफलता हासिल कर सके। ऐसा करने वाले लड़के का नाम है सयूज एस चंद्रन, जो केरल के कारसगोड के रहने वाले हैं।

ऑनमनोरमा की रिपोर्ट के मुताबिक, कासरगोड के पहाड़ी गाँव राजापुरम के सेंट पायस कॉलेज में पढ़ने वाले सयूज एस चंद्रन अचानक चर्चा में आ चुके हैं। दरअसल, मंगलवार (25 जून 2024) को सेंट पायस कॉलेज में पढ़ाने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर ने छात्र को फोन किया और कहा कि वो अपनी फाइल कॉलेज में जमा कर दे, लेकिन छात्र ने कहा कि वो कॉलेज नहीं आ पाएगा, क्योंकि वो कार खरीदने जा रहा है। प्रोफेसर को लगा कि कार तो माता-पिता खरीद रहे होंगे, ऐसे में छात्र क्यों छुट्टी ले रहा है, तब जाकर छात्र ने बताया कि वो माता-पिता के पैसों से नहीं, बल्कि अपने पैसों से कार खरीद रहा है। इसके बाद ये पूरी कहानी सामने आई।

वैसे, कार खरीदने की खबर से कोई हैरान नहीं हुआ, लेकिन कार खरीदने के लिए छात्र ने जो मेहनत की, वो प्रेरित करने वाली है। दरअसल, छात्र सयूज एस चंद्रन एक ऑनलाइन कोचिंग चैनल चलाते हैं, जिसका नाम है IAS HUG MALAYALAM. ये चैनल एक प्राइवेट चैनल है और इसे वही लोग देख सकते हैं, जिन्होंने इसे सब्सक्राइब किया हुआ है। सयूज ने इस चैनल की फीस रखी है 500 रुपए प्रति महीने की, जो अब 1 हजार रुपए प्रति महीने कर दिया है। खासकर नए सब्सक्राइबर्स से। इस चैनल पर सयूज एस चंद्रन समसामयिक मामलों, सिविल सेवा योग्यता परीक्षा (सीएसएटी), इतिहास, भूगोल और सामान्य अध्ययन पर आधारित शिक्षा देते हैं, जो यूपीएससी जैसी बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के बेहद काम की होती है।

इस चैनल को शुरू करने के सवाल पर सयूज ने कहा, “शुरू में मैंने चैनल इसलिए बनाया था कि जो पढ़ाई मैं कर रहा हूँ, उसे दूसरों के साथ बाँट सकूँ, ताकी मैं भी चीजों को भूलूँ न। लेकिन धीरे-धीरे ये आगे बढ़ता गया।” शुरुआत में, सयूज ने अपने नाम सयूज चंद्रन के नाम पर ‘एससी आईएएस अकादमी’ शुरू की। फिर उन्हें एहसास हुआ कि “अकादमी” एक बहुत बड़ा टैग है। इसलिए उन्होंने चैनल का नाम बदलकर ‘आईएएस हब मलयालम’ रख दिया। उनकी कक्षाएँ धीमी गति वाली और मलयालम में होती हैं, और वह बहुत कुछ दोहराते हैं। उनके नोट्स अंग्रेजी में हैं।

रसायन विज्ञान विभाग की डॉ. आशा चाको ने बताया, “सयूज से पढ़ने वाले लोगों में कॉलेज के शिक्षक, सरकारी क्लर्क, आईटी प्रोफेशनलर, केमिकल इंजीनियर, गृहिणी और कॉलेज जाने वाले लोग भी शामिल हैं।” डॉ. आशा ने कहा कि वो इकलौती ऐसी व्यक्ति हैं पूरे कॉलेज में, जो जानती थी कि सयूज क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पास कई छात्र हैं जो आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन सयूज जैसा कोई नहीं है जो छात्र रहते हुए भी इतना अच्छा पढ़ाता है।” अब चूँकि सयूज की अगले साल ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी हो जाएगी, इसके बाद वो खुद यूपीएसकी की सिविल सर्विस की परीक्षा में शामिल होंगे।

सयूज के पिता रिटायर्ड फौजी हैं और उनकी माँ एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। सयूज ने अपनी 12वीं तक की पढ़ाई स्थानीय स्कूल-कॉलेज में ही की और 2022 में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद उन्होंने NEET की परीक्षा दी। उनका मन था कि वो डॉक्टर बनें, लेकिन नीट की परीक्षा में उन्हें असफलता मिली। इसके बाद उन्होंने माइक्रोबॉयोलॉजी में बीएससी की पढ़ाई शुरू कर दी। शुरुआत में सयूज ने अखबारों को पढ़ना शुरू किया और छोटा-मोटा कंटेंट बनाना शुरू किया, लेकिन जब 2 महीने में ही उनके चैनल पर 10 हजार से ज्यादा व्यू आने लगे, तो उन्होंने इसे आगे बढ़ाया।

अब सयूज एस चंद्रन का कहना है कि वो अगले साल यूपीएससी की परीक्षा में खुद बैठेंगे। सफलता के प्रति आश्वस्त सयूज कहते हैं कि वो अधिकारी बनने के बाद इस चैनल पर और ध्यान देंगे, साथ ही कंटेंट को पूरी तरह से फ्री कर देंगे। ताकी इसका फायदा अन्य लोगों को भी मिल सके। सयूज का चैनल पूरी तरह से सब्सक्रिप्शन मोड पर चलता है, लेकिन कई लोग जो पैसे देने में सक्षम नहीं होते, सयूज उनके लिए अपने चैनल का लिंक वॉट्सऐप-टेलीग्राम जैसे ऐप्स के माध्यम से भेजते हैं, ताकी उनकी मदद हो सके।

केरल के सयूज एस चंद्रन की ये यात्रा प्रेरणादायक है। उन्होंने महज 1 साल में ही न सिर्फ अपने पैरों पर खड़े होने का साहस रखा, बल्कि वो समाज में भी सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

कहाँ है वो परशुराम कुंड, जिसे अयोध्या की तरह सँवारेगी मोदी सरकार, जानिए क्या है इसका महत्व: पूर्वोत्तर भारत के धार्मिक स्थल के लिए...

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "मेरी कोशिश है कि धार्मिक पर्यटन के रूप में परशुराम कुंड भी देश में एक प्रमुख स्थल बनकर उभरे।"

CM सिद्दारमैया की पत्नी को मैसूर के पॉश इलाके में मिली सरकारी जमीन, इधर DK शिवकुमार को प्रदेश अध्यक्ष से हटाने के लिए गुटबाजी...

सिद्दारमैया का कहना है कि नियमानुसार उनकी पत्नी को वैकल्पिक जमीन मिलनी चाहिए थी। कुछ नेता कह रहे कि अब प्रदेश अध्यक्ष DK शिवकुमार को बदला जाना चाहिए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -