Tuesday, November 26, 2024
Homeदेश-समाजपुलिस कर्मियों की माँगें मानी गईं, धरना ख़त्म: वकीलों के समर्थन में AAP, कहा-...

पुलिस कर्मियों की माँगें मानी गईं, धरना ख़त्म: वकीलों के समर्थन में AAP, कहा- दिल्ली पुलिस BJP की सशस्त्र सेना

'आम आदमी पार्टी' ने कहा कि दिल्ली पुलिस 'राजनीतिक इकाई' में तब्दील हो गई है। यह बीजेपी की सशस्त्र शाखा की तरह काम कर रही है, जबकि इसका काम कानून-व्यवस्था बनाए रखने का है। वकीलों के समर्थन में आई आप ने दिल्ली पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं।

दिल्ली में चला आ रहा पुलिस बनाम वकीलों का टकराव खत्म होता दिख रहा है। मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार धरना, प्रदर्शन और हड़ताल कर रहे पुलिस वालों की सभी माँगें मान ली गईं हैं, और 11 घंटे तक चली हड़ताल फ़िलहाल खत्म हो गई है। इसके पहले इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह के घर बैठक भी हुई। बकौल न्यूज़ 18, उनकी माँगें थीं:

1. निलंबित पुलिस अधिकारी को बहाल करना,
2. घायल पुलिस अधिकारी को मुआवजा,
3. अधिवक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई,
4. सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील,
5. पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वाले व्यक्तियों का सत्यापन,
6. निचले अधिकारियों के लिए पुलिस एसोसिएशन की माँग।

जॉइंट कमिश्नर देवेश श्रीवास्तव ने पुलिस वालों को आज शाम (5 नवंबर, 2019 को) उनकी सभी माँगें मान लेने का आश्वासन उनसे मुलाकात करके दिया है। इसके पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्ननर अमूल्य पटनायक की अपील का पुलिस वालों पर कोई असर नहीं पड़ा था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली पुलिस जहाँ एक तरफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस मामले को लेकर बीजेपी पर हमला बोला है। ‘आम आदमी पार्टी’ ने कहा कि दिल्ली पुलिस ‘राजनीतिक इकाई’ में तब्दील हो गई है। यह बीजेपी की सशस्त्र शाखा की तरह काम कर रही है, जबकि इसका काम कानून-व्यवस्था बनाए रखने का है। वकीलों के समर्थन में आई आप ने दिल्ली पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं।

पिछले हफ्ते के शनिवार (2 नवंबर, 2019 को) पार्किंग विवाद को लेकर दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट के बाहर वकीलों और पुलिस के बीच हिंसा हुई थी। एक पुलिस कार और 20 अन्य वाहनों को आग लगा दी गई थी। 2 पुलिस वालों को दिल्ली हाई कोर्ट ने सस्पेंड कर दिया था और न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए थे

इस मामले के खिलाफ आज दिल्ली के हज़ारों पुलिस वाले वर्दी उतार कर सादे कपड़ों में विरोध प्रदर्शन और हड़ताल करने लगे थे। इसके अलावा कई वर्तमान और भूतपूर्व अफसरों ने भी इसके खिलाफ ट्विटर पर आवाज़ उठाई। जम्मू कश्मीर के पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद ने लिखा कि उन पुलिस वालों की हालत देखना दुखद है जो अपनी पूरी ज़िंदगी कानून व्यवस्था बनाए रखने में बिताते हैं।

कर्नाटक की सेवारत आईपीएस डी रूपा ने लिखा कि अगर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो पुलिस वालों का मनोबल गिरेगा।

वे उस ट्वीट को रीट्वीट कर रहीं थीं, जिसमें कल (4 नवंबर, 2019 को) एक पुलिस वाले के साथ वकीली कपड़े पहने लोगों द्वारा हाथापाई का वीडियो था। वीडियो में बताया गया था कि यह साकेत कोर्ट का दृश्य है।

अंडमान और निकोबार के डीजीपी दीपेंद्र पाठक ने भी कहा कि काले कोट की आड़ में सामाजिक व्यवस्था के लिए खतरा बने लोगों में डर बैठाना ज़रूरी है।

आईपीएस एसोसिएशन ने भी घटना की निंदा में ट्वीट करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कानून तोड़ने वाले सभी लोगों की कड़ी निंदा करते हुए सभी पुलिस वालों को हमले के शिकार पुलिस वालों के साथ खड़ा बताया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सपा MLA के बेटे ने कहा- सांसद जियाउर्रहमान बर्क हमारे साथ, सुनते ही भीड़ ने शुरू कर दी पत्थरबाजी… तमंचे की गोलियाँ, अजीब हथियार...

संभल हिंसा में सपा सांसद और इसी पार्टी के विधायक के बेटे पर FIR हुई है। तमंचे से गोली चलने और अजीब चाकू मिलने की बात सामने आई है।

विकसित देशों ने की पर्यावरण की ऐसी-तैसी, पर क्लाइमेट चेंज से लड़ना गरीब देशों की जिम्मेदारी: दोगलई पर पश्चिम को भारत ने रगड़ा, 300...

भारत ने COP 29 समझौते पर प्रश्न खड़े किए हैं। भारत ने इस समझौते में स्वीकार की गई 300 बिलियन डॉलर को कम बताया है।
- विज्ञापन -