Thursday, November 21, 2024
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दिल्ली में 1 साल में 6 गुना बढ़े पराली जलाने के मामले, पंजाब में भी संंख्या 1983 पहुँची: AAP प्रदूषण का ठीकरा UP-हरियाणा पर फोड़ रही

CREAMS के आँकड़े के अनुसार, पंजाब में 27 अक्टूबर, 2024 तक पराली जलाने की कम से कम 1983 घटनाएँ सामने आई हैं। यह आँकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पंजाब में पराली जलाने के सबसे अधिक मामले अमृतसर से सामने आए हैं।

आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पंजाब के बाद अब दिल्ली में तक पराली जलना नहीं रोक पा रही है। राजधानी दिल्ली में 2024 में पराली जलने के मामले 6 गुने हो गए हैं। पंजाब में भी पराली जलाने का आँकड़ा लगभग 2000 के पास पहुँच रहा है। इस बीच दिल्ली-NCR वालों को सांस लेना दूभर हो रहा है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के CREAMS द्वारा जारी किया गया आँकड़ा AAP की नाकामी बयान करता है। इसके अनुसार, दिल्ली में 2024 में पराली जलाने की कम से कम 12 घटनाएँ सामने आई हैं। यह आँकड़ा 2023 के मुकाबले 6 गुना है। 2023 में दिल्ली में पराली जलाने के मात्र 2 मामले सामने आए थे।

यह आँकड़ा देखने में भले छोटा लगे लेकिन दिल्ली जैसे राज्य के लिए यह खतरे की घंटी है। दिल्ली में AAP पराली खत्म करने के लिए अलग-अलग उपाय देने का दावा करती आई है। हालाँकि, फिर भी यहाँ यह घटनाएँ सामने आईं। इसके अलावा यह हवा सीधे तौर पर दिल्ली को दूषित करेगी।

दिल्ली के अलावा पंजाब का भी पराली से बुरा हाल है। CREAMS के आँकड़े के अनुसार, पंजाब में 27 अक्टूबर, 2024 तक पराली जलाने की कम से कम 1983 घटनाएँ सामने आई हैं। यह आँकड़ा लगातार बढ़ रहा है। पंजाब में पराली जलाने के सबसे अधिक मामले अमृतसर से सामने आए हैं।

पंजाब के अलावा हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी 1000+ पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। इन सबके चक्कर में दिल्ली में हवा खराब होती जा रही है। 28 अक्टूबर, 2024 की सुबह दिल्ली के कई इलाकों में AQI 300+ है। AQI का 300+ वाला स्तर सभी के लिए हानिकारक है और ज्यादा देर खुले वातावरण में रहने पर आँखों में जलन और गले में खराश होती है।

दिल्ली में यह स्थिति तब है जब अभी पूरी तरीके से पंजाब में धान की कटाई नहीं हुई है और ठण्ड का मौसम अभी आने को है। इन सबके बीच हाल ही में दिल्ली सरकार ने दीवाली के पटाखों पर भी बैन लगा दिया था। हालाँकि, दीवाली आने से पहले ही राजधानी में हवा की स्थिति बिगड़ गई है।

AAP सरकार इस बार भी दिल्ली में प्रदूषण का ठीकरा उत्तर प्रदेश-हरियाणा से आने वाली बसों पर फोड़ने के चक्कर में है। जबकि असल बात यह है कि गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण का हिस्सा मात्र एक तिहाई है। इसमें भी जिम्मेदार केवल यूपी हरियाणा की बसें नहीं बल्कि सभी तरह की गाड़ियाँ हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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