Sunday, September 8, 2024
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अब घुप्प अंधेरे में भी लक्ष्य भेद सकेगा अग्नि-2 मिसाइल: रात के समय हुआ सफल परीक्षण

अग्नि मिसाइल को 2004 में ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। यह 15 वर्षों से वायुसेना को अपनी सेवाएँ दे रहा है। ये ज़मीन से ज़मीन तक मार करने वाली आधुनिक मिसाइल है।

भारत ने शनिवार (नवंबर 16, 2019) को ओडिशा के बालासोर में अग्नि-2 मिसाइल का रात्रिकालीन परीक्षण किया। इसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर की है। स्ट्रेटेजिक फोर्सेज कमांड ने एपीजे अब्दुल कलाम आइलैंड पर इस परीक्षण को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। आपको बता दें कि अग्नि-2 का सफल परीक्षण पिछले वर्ष ही हुआ था लेकिन ये पहली बार है जब इसका रात के समय परीक्षण किया गया है। इसकी मारक क्षमता को बढ़ा कर 3000 किलोमीटर किया जा सकता है।

अग्नि-2 मिसाइल के बारे एक और ख़ास बात यह है कि ये परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। डीआरडीओ ने मंगलवार (नवंबर 12, 2019) को लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस का रात में अरेस्टेड लैंडिंग का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था। लगभग 2 महिने पहले ही दो सीट वाले एलसीए तेजस का गोवा के आईएनएस हंसा में पहली बार सफलतापूर्वक अरेस्टेड लैंडिंग कराई गई थी। एजेंसी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि ये टेक्स्टबुक लैंडिंग है।

जहाँ तक अग्नि मिसाइल की बात है, इसे 2004 में ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिया गया है। यह 15 वर्षों से वायुसेना को अपनी सेवाएँ दे रहा है। ये ज़मीन से ज़मीन तक मार करने वाली आधुनिक मिसाइल है। अग्नि-2 एक टन तक परमाणु वारहेड ले जाने में सक्षम है। इसे डीआरडीओ की एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी ने तैयार किया है। इसकी लम्बाई लगभग 20 मीटर होती है।

अग्नि को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत डिजाइन किया गया है। सटीक निशाने पर जाकर काम करने के लिए इसमें हाई-एक्यूरेसी नेविगेशन सिस्टम का प्रयोग किया गया है। अब रात्रिकालीन सफल परीक्षण के बाद अग्नि-2 ने एक नई कामयाबी हासिल की है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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