288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आँकड़ा 145 है। लेकिन, तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रम ने दो और आँकड़ों को बेहद अहम बना दिया है। बीजेपी को समर्थन देकर उपमुख्यमंत्री की शपथ लेने वाले एनसीपी नेता अजित पवार को दल-बदल कानून से बचे रहने के लिए पार्टी के 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। भाजपा 170 विधायकों के समर्थन का दावा कर रही है तो शिवसेना सांसद संजय राउत ने 165 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। ऐसे में संख्या बल किस तरफ है यह विधानसभा में ही पता चलेगा। इस दौरान छोटी पार्टियों और निर्दलीय 29 विधायकों का समर्थन किसी के भी पक्ष में पलड़ा झुकाने में बेहद निर्णायक साबित हो सकता है।
यही कारण है कि दोनों तरफ से छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों को साधने की कोशिश हो रही है। बहुमत के खेल में ये विधायक अहम कड़ी बन गए हैं। देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शनिवार सुबह शपथ ली थी। 105 विधायकों वाली बीजेपी को चुनाव के बाद कई निर्दलीयों ने सार्वजनिक तौर पर समर्थन दिया था। पिछले दिनों पार्टी ने 119 विधायक का समर्थन होने की बात कही थी। अजित पवार के साथ आने से यह संख्या बढ़ गई है। लेकिन, अजित के साथ एनसीपी के कितने विधायक हैं यह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
Ashish Shelar, BJP: We will follow whatever the Supreme Court says but the Governor has given us time till 30th November, we will prove majority with 170 MLAs or more than that. #Maharashtra pic.twitter.com/OMvVnHDdOx
— ANI (@ANI) November 24, 2019
शिवसेना भी छोटे दलों और निर्दलीय साथ विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रही है। छोटे दलों और निर्दलीयों को लेकर कोई भी दल पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। मसलन, भारतीय शेतकारी कामगार पार्टी ने चुनाव कॉन्ग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ लड़ा था। लेकिन, उसके इकलौते विधायक श्यामसुंदर शिंदे बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं।
बीजेपी की बागी नेता गीता जैन, जिन्होंने टिकट न मिलने पर मीरा-भाईंदर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था, उनका कहना है कि वह बीजेपी को ही समर्थन देंगी। गीता जैन ने कहा, “मैंने पहले ही बीजेपी को समर्थन दे दिया है और मैं अपना रुख कभी नहीं बदलूँगी क्योंकि मैं दिल से एक बीजेपी कार्यकर्ता हूँ।” वहीं, प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक बाचू कुडू ने कहा है कि वह शिवसेना के साथ हैं और रहेंगे। वह शिवसेना के विधायकों के साथ ही ललित होटल में ठहरे हुए भी हैं। उनकी पार्टी के विदर्भ से दो विधायक हैं।
Sanjay Raut, Shiv Sena: Sharad Pawar is a national leader. If BJP is trying to form govt, it will not happen. It is a wrong step taken by BJP & Ajit Pawar. 165 MLAs are with Shiv Sena, Congress & NCP. #Maharashtra pic.twitter.com/tBVTg0SfiQ
— ANI (@ANI) November 24, 2019
इस सब के बीच एक पार्टी है जो इस रस्साकशी से एकदम दूर है। वह है असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM पार्टी। ओवैसी की पार्टी के दो विधायक हैं और दोनों विधायक विपक्ष में ही बैठने वाले हैं। वे न ही कॉन्ग्रेस-एनसीपी के साथ जाएँगे और न ही बीजेपी के साथ। पार्टी के पूर्व विधायक वारिस पठान का कहना है, “हमारे अध्यक्ष (ओवैसी) ने साफ कर दिया है कि हम विपक्ष में ही बैठेंगे। हमारा पक्ष वही है।”
बीजेपी का दावा है कि उसे एनसीपी के पूरे 54 विधायकों का समर्थन है तो है ही, साथ ही 11 निर्दलीय विधायक भी उसके पाले में हैं। यानी कुल 170 विधायकों पर उसका दावा है। उधर, एनसीपी ने शनिवार को दावा किया है कि 49 विधायक अभी भी उसके साथ हैं।
Maharashtra BJP pres, Chandrakant Patil: We have the highest number. With 119 MLAs we’ll form BJP govt in state, Devendra Fadnavis has expressed this confidence before party leaders. We’re committed to give a stable govt to state. There can’t be a govt in Maharashtra without BJP. pic.twitter.com/h7fO3qJimo
— ANI (@ANI) November 15, 2019
गौरतलब है कि बीजेपी को अजित पवार का समर्थन न मिलने और सरकार बनाने से पहले भी बीजेपी ने 119 विधायकों के समर्थन का दावा किया था। महाराष्ट्र भाजपा के प्रमुख चन्द्रकांत पाटिल ने दावा किया था कि भाजपा को 119 विधायकों का समर्थन प्राप्त है और वह जल्दी ही राज्य में सरकार का गठन करेगी। उन्होंने कहा था, “भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से हमारी संख्या 119 पहुँच रही है। भाजपा इस संख्या के साथ सरकार बनाएगी।”
वैसे देखा जाए तो एनसीपी के संख्याबल पर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है क्योंकि कुल 54 विधायक दो खेमों में बँट चुके हैं। राज्य में कुल मिलाकर बड़े दलों के पास 259 विधायक हैं, जबकि 29 विधायकों में कई निर्दलीय और छोटे दलों के विधायक हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इन 29 निर्दलीय और छोटे दलों का समर्थन किस पार्टी को प्राप्त होता है।