जून 2017 में मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुई फायरिंग के एक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने कॉन्ग्रेस की पूर्व विधायक शकुंतला खटिक को दोषी ठहराया है। उनके अलावा 7 अन्य लोग भी दोषी करार दिए गए हैं। सभी को 3-3 साल जेल की सजा सुनाई गई है और 5-5 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है।
8 जून 2017 को मंदसौर में किसान आंदोलन के दौरान फायरिंग हुई थी। उस समय शिवपुर के करैरा से विधायक रही खटिक ने भीड़ को उकसाते हुए कहा था कि थाने को आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा।
इस घटना के बहाने कॉन्ग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गॉंधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उस समय मध्य प्रदेश में रही शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा था। राहुल ने फायरिंग के लिए प्रदेश सरकार को कसूरवार बताया था। इस गोलीकांड की पहली बरसी पर उन्होंने मंदसौर में रैली भी की थी। इसी रैली में उन्होंने प्रदेश में कॉन्ग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया था।
#Correction Karera’s former MLA & Congress leader Shakuntala Khatik & 7 others imprisoned for 3 years and fined Rs 5,000 each in 2017 Mandsaur firing case. Khatik threatened to burn police station during the farmer protests in Mandsaur. A Bhopal court pronounced verdict yesterday pic.twitter.com/zsKfuhFpuR
— ANI (@ANI) December 1, 2019
शकुंतला खटिक को अदालत द्वारा कसूरवार ठहराए जाने के बाद इस मामले में कॉन्ग्रेस नेताओं की संलिप्तता उजागर हो गई है। अभियोजन पक्ष के अनुसार घटना 8 जून 2017 को करेरा पुलिस थाना, शिवपुरी में हुई थी। कॉन्ग्रेस पार्टी द्वारा मंदसौर में हुए गोलीकांड के विरोध में प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था। खटिक भी अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन कर रही थी। पुलिस बल ने अनियंत्रित भीड़ पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार की।
इससे उत्तेजित होकर पूर्व विधायक ने वहाँ उपस्थित भीड़ को उकसाते हुए कहा कि वह थाने में आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा। उनकी बातों में आकर वहाँ उपस्थित उनके समर्थकों ने पुतला दहन करते हुएअन्य जगह भी आग लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने मौके पर आग पर क़ाबू न पाया होता तो पुलिस थाने सहित अन्य सरकारी सम्पत्ती को आग से भारी नुकसान पहुँचता।
बता दें कि छ: किसानों की मौत के अलावा इस आंदोलन में करोड़ों रुपए की सार्वजनिक सम्पत्ति का भी नुक़सान हुआ था। इस दौरान कई दुकानें जला दी गईं, कई ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया, किसान इस हद तक उग्र हो गए थे कि उन्होंने कलेक्टर को भी घेर लिया जिससे उनकी भी जान पर बन आई थी। आंदोलन के बाद सियासत गरमा गई। उस वक्त मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी और किसानों की हत्या का आरोप भी शिवराज सिंह चौहान सरकार पर लगाए गए।
ख़बर के अनुसार, इस मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित 7 कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ बलवा, आगजनी, आगजनी को उकसाने, शासकीय कार्य में बाधा डालने का अपराध कायम कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था। विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने यह सज़ा सुनाई है।