Thursday, May 2, 2024
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हरि सिंह के पोते और कॉन्ग्रेस नेता ने किया मोदी सरकार के फैसले का स्वागत, बताया 2011 के जनगणना को फर्जी

"जम्मू कश्मीर के लिए परिसीमन आयोग बनाना एक सराहनीय कदम है। लेकिन, अगर ये 2011 के सेंसस के आधार पर किया जाता है तो ये गंभीर गलती होगी। जम्मू-कश्मीर की जनगणना फर्जी थी।"

जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग गठित होने के बाद कॉन्ग्रेस नेता एवं राजा हरि सिंह के पोते विक्रामादित्य सिंह ने मोदी सरकार के इस फैसलै को सराहा है। मगर, इसके साथ ही उन्होंने निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए 2011 की जनगणना के आँकड़ों के उपयोग के बारे में आशंका व्यक्त की है और उसे एक गंभीर गलती भी बताया है।

विक्रमादित्य सिंह ने अपने ट्वीट में कहा, “जम्मू कश्मीर के लिए परिसीमन आयोग बनाना एक सराहनीय कदम है। लेकिन, अगर ये 2011 के सेंसस के आधार पर किया जाता है तो ये गंभीर गलती होगी। क्योंकि सभी सबूतों से पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर की जनगणना फर्जी थी। इसलिए मैं 2021 की जनगणना के अनुसार, निर्णय की समीक्षा करने के लिए भारत सरकार से आग्रह करता हूँ।”

बता दें कि विक्रमादित्य सिंह के अलावा पैंथर्स पार्टी के प्रधान एवं पूर्व विधायक बलवंत सिंह मनकोटिया ने भी भाजपा को 2021 के सेंसस के बाद परिसीमन आयोग के गठन करने की सलाह दी है। पैंथर्स पार्टी के मुताबिक भाजपा खुद मानती है कि जम्मू कश्मीर की पिछली राज्य सरकारों ने जनगणना के तहत कश्मीर संभाग की आबादी और जमीन ज्यादा बताई है। जबकि जम्मू की आबादी और जमीन कश्मीर से ज्यादा है। इसलिए उनका कहना है कि अगर 2011 की मतगणना के तहत ही परिसीमन आयोग का गठन किया गया तो फिर जम्मू संभाग को कोई फायदा नहीं होगा और जैसा चल रहा है, वैसा ही चलता रहेगा। इसके साथ ही विधानसभा क्षेत्र और संसदीय क्षेत्र भी कश्मीर के ज्यादा होंगे।

उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार जम्मू की जनता के साथ इंसाफ करना चाहती है तो परिसीमन आयोग का गठन 2021 की जनगणना के बाद किया जाना चाहिए, क्योंकि जम्मू की संख्या और जमीन कश्मीर से ज्यादा है। बैठक में पैंथर्स पार्टी के काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।

गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत परिसीमन के बाद प्रदेश में विधानसभा सीटों की संख्या में सात सीटों का इजाफा होना है और कुल सीटों की संख्या 114 पर पहुँच जाएगी। इनमें 24 सीटों को पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर के लिए आरक्षित रखा जाएगा।

जानकारों के अनुसार परिसीमन के बाद बढ़ने वाली सात सीटों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए कई सीटों को आरक्षित किया जा सकता हैं। फिलहाल जम्मू कश्मीर में 7 विधानसभा सीटों को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित रखा जाता रहा है लेकिन अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए एक सीट भी आरक्षित नहीं है। ऐसे में नए परिसीमन के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के लिए भी सभी सीटों का आरक्षण होने का आसार है। इसके अतिरिक्त का भाजपा नेतृत्व भी चाहता है कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए सीटों का आरक्षण हो। इससे जम्मू संभाग में सीटों की संख्या बढ़ने के आसार बनेंगे।

बता दें कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के नियम, शर्तें तय करने के बाद आयोग की अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पैनल अपना काम करना शुरू करेगा। चुनाव विभाग के सूत्रों के अनुसार परिसीमन आयोग के गठन के बाद अब जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई जल्द बैठक बुला सकती हैं। जिसमें पैनल में शामिल सदस्य जिसमें चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा, जम्मू कश्मीर के मुख्य चुनाव आयुक्त शैलेंद्र कुमार मुख्य रूप से शामिल रहेंगे। इसी बैठक में परिसीमन आयोग के काम करने के क्षेत्र के नियम व शर्तें तय होगी और आयोग अपना काम करना प्रारंभ करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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