Sunday, September 8, 2024
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बड़ी ख़बर | ज्यादा रिस्क, ज्यादा पैसा: अर्धसैनिक बलों के ‘जोख़िम व कठिनाई भत्ते’ में 78% की वृद्धि

इंस्पेक्टर रैंक तक के जवानों को मिलने वाले भत्ते को ₹9,700 से बढ़ाकर ₹17,300 कर दिया गया है जबकि अधिकारियों का भत्ता ₹16,900 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है।

केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के जवानों को कुछ ही दिनों के भीतर दूसरा तोहफ़ा दिया है। सरकार ने जम्मू-कश्मीर व नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों को मिलने वाले ‘जोख़िम व कठिनाई भत्ता’ में 78% की भारी वृद्धि की है। निचले स्तर के अधिकारियों का भत्ता विशेष लाभ के साथ हर महीने ₹7,600 और उच्च अधिकारियों का भत्ता ₹8,100 तक बढ़ा दिया गया है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के 10 दिन बाद सरकार ने यह क़दम उठाया है।

इससे पहले केंद्र सरकार ने अर्धसैनिक बलों के श्रीनगर जाने-आने के लिए हवाई यात्रा की व्यवस्था करने का निर्णय लिया था। इस आदेश से अर्ध सैनिक बलों के 7,80,000 जवानों में से जिनकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर में होगी, उन को लाभ होगा। इनमें कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल और एएसआई से लेकर वे सभी अन्य कर्मी शामिल हैं, जिन्हें अब तक हवाई यात्रा करने का अधिकार नहीं था। अब कठिनाई व जोख़िम भत्ता बढ़ाने के साथ ही सरकार ने 2017 से लंबित इस निर्णय को अंततः हरी झंडी दे दी है।

ताज़ा फ़ैसले के अनुसार, इंस्पेक्टर रैंक तक के जवानों को मिलने वाले भत्ते को ₹9,700 से बढ़ाकर ₹17,300 कर दिया गया है जबकि अधिकारियों का भत्ता ₹16,900 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दिया गया है। इस भत्ते की समीक्षा के लिए 2017 में ही केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में एक समीति गठित की गई थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका था। इस भत्ते से उन सभी जवानों को फ़ायदा मिलेगा, जो कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। इस से जम्मू-कश्मीर के 10 जिलों – बडगाम, पुलवामा, अनंतनाग, कुपवाड़ा, बारामुला, शोपियां, कुलगाम, गांडेरबल, बांदीपोड़ा और श्रीनगर में तैनात जवानों को फ़ायदा होगा।

कश्मीर के अलावा सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर और बस्तर (छत्तीसगढ़), लातेहार (झारखंड), गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) और मल्कानगिरि (ओडिशा) जिले में तैनात जवान भी कठिनाई भत्ते में वृद्धि से लाभान्वित होंगे। ये सभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हैं, जहाँ जवानों को काफ़ी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। सीआरपीएफ के अनुसार, इस फैसले से नक्सल प्रभावित राज्यों और जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के 88,000 से अधिक जवानों और अधिकारियों को फायदा मिलेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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