Monday, November 25, 2024
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पंचायती राज दिवस पर PM मोदी ने शुरू किए 2 अहम प्रोजेक्ट, कहा-ग्रामीणों ने विश्व को दिया 2 गज का संदेश

सरपंचों से बात करते हुए पीएम ने कहा, "आप सभी ने दुनिया को बहुत सरल शब्दों में मंत्र दिया है। 'दो गज दूरी' का, या कहें 'दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गाँवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास हैं कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।"

राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर आज यानी 24 अप्रैल को PM नरेंद्र मोदी ने देशभर के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहले उन्होंने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल व मोबाइल ऐप लॉन्च किया। यह ऐप पंचायती राज मंत्रालय की तरफ से की गई अनोखी पहल है। इसमें ग्राम पंचायतों के फंड और उनके कामकाज की पूरी जानकारी होगी।

पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री ने दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट भी शुरू किए। एक तो ई ग्राम स्वराज और दूसरा स्वामित्व योजना। ग्राम स्वराज पोर्टल को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इससे पारदर्शिता और परियोजना में तेजी आएगी। वहीं, स्वामित्व योजना को लेकर कहा कि ग्रामीणों को इससे एक नहीं अनेक लाभ होंगे। उन्होंने बताया कि इससे संपत्ति को लेकर भ्रम और झगड़े खत्म होंगे। इससे गाँव में विकास योजनाओं की प्लानिंग में मदद मिलेगी। इससे शहरों की तरह गाँवों में भी लोग बैंकों से लोन ले सकेंगे।

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच ग्रामीणों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने विश्व को 2 गज दूरी का संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “आप सभी ने दुनिया को बहुत सरल शब्दों में मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गाँवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास हैं कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा कि पंचायती राज व्यवस्था के सभी सदस्य प्रेरणा के स्रोत हैं, क्योंकि उन्होंने संक्रमण को रोकने में बहादुर योद्धाओं की भांति पूरे समर्पण से अपनी भूमिका निभाई है। PM मोदी ने कहा कि इस लड़ाई में सामूहिक एकता भारत की शक्ति है।

देशभर के सरपंचों से बात करने के दौरान उन्होंने कहा, “कोरोना ने हम सभी के काम करने के तरीके को बहुत बदल दिया है। पहले हम किसी कार्यक्रम को आमने-सामने रहकर करते थे। लेकिन आज वही कार्यक्रम वीडियो कॉन्फेंसिंग के माध्यम से करना पड़ रहा है। आज इस कार्यक्रम में जुड़े सभी लोगों का मैं स्वागत करता हूँ।”

उन्होंने कोरोना महामारी के बीच पैदा हुए संकट में भी सभी सरपंचों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने माना कि कोरोना महामारी ने अनेकों मुसीबतें पैदा की हैं। इनकी कल्पना तक नहीं हो सकती। लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि इस महामारी ने हमें नई शिक्षा और संदेश भी दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर आत्मनिर्भरता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ये जरूरी है कि गाँव, जिला, राज्य और पूरा देश अपनी-अपनी जरूरतों पर आत्मनिर्भर बनें। अब ये बहुत आवश्यक हो गया है।

उन्होंने पंचायत ब्रॉडबैंड का मुद्दा उठाया और बताया कि 5-6 साल पहले एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं। अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुँच चुका है। इतना ही नहीं, गाँवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है। सरकार ने भारत में ही मोबाइल बनाने का जो अभियान चलाया है, उसी का परिणाम है कि आज गाँव-गाँव तक कम दामों वाले स्मार्टफोन पहुँच चुके हैं। ये आज जो इतने बड़े स्तर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस हो रही है, ये सब इसी के कारण संभव हो पाया है।

देश भर के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करते हुए पीएम मोदी ने किसानों के स्वस्थ रहने का मुद्दा उठाया और कहा कि वे हमारे अन्नदाता हैं, जो निस्वार्थ भाव से देशवासियों का पेट पालते हैं। उनकी वजह से ही इस दौरान देश को अनाज, दूध, दही, फल की कमी नहीं हुई। उन्होंने गलतफहमियों से लोगों को बाहर निकालने की बात की और गावों में सैनिटाइजेशन, क्वारंटाइन सेंटर जल्द से जल्द बनाने पर भी बल दिया।

बता दें, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अप्रैल को सभी मुख्यमंत्रियों से बात की थी। उनसे लॉकडाउन पर राय-मशविरा लिया था। इसके बाद उन्होंने 14 अप्रैल को देश को संबोधित करते हुए लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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