एक बार फिर पश्चिम बंगाल की सरकार कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर सवालों से घिर गई है। इस बार ममता बनर्जी सरकार ने राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन में 572, जबकि उसी समय में केन्द्र सरकार को 931 बताई है। इसे लेकर प्रदेश के राज्यपाल जगदीप घनखड़ ने ममता सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही ममता सरकार पर एक बार फिर सही आँकड़ों को छिपाने के आरोप लगाए हैं।
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने शनिवार (2 मई, 2020) को इस पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि बंगाल सरकार कोरोना संक्रमण के आँकड़ों पर पर्दा डाल रही है और राज्य वासियों तथा केंद्र सरकार को अलग-अलग जानकारी दे रही हैं। अपने दो ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा, कोविड-19 संक्रमण के आँकड़ों पर पर्दा डालने के अभियान को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बंद करना चाहिए। इसे पारदर्शी रूप से साझा करें।
Give up ‘ Covid-19 data cover up operation’ @MamataOfficial and share it transparently.
— Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) May 2, 2020
Health bulletin 30/4 No of Active Covid cases 572. No health bulletin on May 1 !!
Information to central Government No of cases 931. (1/2) pic.twitter.com/LOUIggYqYa
राज्यपाल ने ट्वीट करके राज्य सरकार के हेल्थ बुलेटिन और केंद्र सरकार को लिखी चिट्ठियों को साझा किया है। राज्यपाल के आरोपों के मुताबिक, ममता सरकार ने 30 अप्रैल तक कोरोना मरीजों की संख्या हेल्थ बुलेटिन 572, जबकि उसी दिन केन्द्र सरकार को स्वास्थ्य सचिव द्वारा भेजी गई चिट्ठी में राज्य के अंदर कोरोना मरीजों की संख्या 931 बताई गई है।
राज्यपाल जगदीप घनखड़ द्वारा ट्वीट की गई चिट्ठी में आप देख सकते हैं कि हेल्थ बुलेटिन में सरकार इस बात का दावा कर रही है कि बंगाल में 30 अप्रैल तक कोरोना पॉजिटिव मामले 572 हैं।
वहीं ट्वीट में केन्द्र सरकार को लिखी गई चिट्ठी में आप देख सकते हैं कि पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य ने केंद्र सरकार को राज्य में 30 अप्रैल तक कोरोनो मरीजों की संख्या 931 बताई है। साथ ही विस्तार से राज्य के ग्रीन, ओरेंज और रेज जोन में आने वाले जिलों के नाम भी दिए गए हैं। इसे लेकर ही राज्यपाल ने ममता बनर्जी को पारदर्शिता बरतने की नसीहत दी है। राज्यपाल ने सवाल करते हुए लिखा कि आखिर आँकड़ों में यह विषमता क्यों है? यह सामंजस्य नहीं होने का परिणाम है।
आपको बता दें कि इससे पहले भी राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। राज्यपाल ने अपनी चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि निःशुल्क राशन गरीबों के लिए हैं, तिजोरियों में बंद करने के लिए नहीं है। धोखाधड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
धनखड़ ने कहा था कि बंगाल में लॉकडाउन का पालन कराने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती पर विचार होना चाहिए। दरअसल, बंगाल के कई इलाकों में मुफ्त राशन वितरण में भारी अनियमितताएँ बरते जाने की खबरें सामने आई थीं। इतना ही नहीं पहले भी ममता सरकार पर कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर सवाल उठते रहे हैं।