अहमदाबाद पुलिस ने हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच नफरत फैलाने के आरोप में मुस्लिम मिरर (Muslim mirror) वेबसाइट के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की है। पोर्टल पर आरोप है कि उसने अपने ट्विटर अकॉउंट से शाहपुर में हुई पत्थरबाजी वाली वीडियो शेयर करके सांप्रदायिकता फैलाने का प्रयास किया। साथ ही वीडियो शेयर करते हुए क्राइम ब्रांच के अधिकारी और डी-स्टाफ के अधिकारियों को BJP और RSS का हथियार वाला कार्यकर्ता बताया था।
इस खबर की जानकारी स्वराज्य के इंटर्न हर्षिल मेहता ने अपने ट्विटर पर दी है। हर्षिल ने मामले से अवगत कराते हुए एफआईआर के स्क्रीनशॉट अपने ट्विटर पर शेयर किए हैं। साथ ही मुस्लिम मिरर के उस ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है, जिसके आधार पर अहमदाबाद पुलिस ने मुस्लिम मिरर पर कार्रवाई की और उनके ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 153, 505 (1)ब के तहत FIR दर्ज की।
#AhmedabadPolice lodged FIR against @MuslimMirror for “creating enmity between Hindu and Muslims”.
— Harshil Mehta હર્ષિલ મહેતા (@MehHarshil) May 20, 2020
Handle labeled officers of Crime Branch and D-staff as “#BJP #RSS activists.”#Ahmedabad pic.twitter.com/b3QvbDD3zT
जानकारी के लिए बता दें कि ये पूरा मामला 8 मई को शाहपुर में लॉकडाउन का नियम पालन कराने पहुँची पुलिस पर हुई पत्थरबाजी से संबंधित है। दरअसल, इस मामले के मद्देनजर, पुलिस ने कुछ पत्थरबाजों को गिरफ्तार किया था। साथ ही साइबर क्राइम को सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाने वालों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए थे।
इन्हीं निर्देशों का पालन करते हुए साइबर पुलिस को मुस्लिम मिरर के इस ट्वीट के बारे में पता चला और फिर आगे उपयुक्त कार्रवाई हुई।
पुलिस के अनुसार, शाहपुर में घटी घटना को मुस्लिम मिरर के ट्विटर हैंडल पर न केवल ट्विस्ट करके अपलोड किया गया, बल्कि वीडियो को शेयर करते हुए पुलिस अधिकारियों को भाजपा और आरएसएस का ऐसा कार्यकर्ता बताया गया, जो हथियार लेकर चलते हैं।
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर क्राइम के पीआई एसडी कलाट ने कहा, “हम फिलहाल ट्वीट और ट्विटर अकॉउंट से संबंधी बाकी डिटेल्स निकाल रहे हैं और आगे की पड़ताल भी जारी है।”
IPC sections 153 & 505(1)b have been invoked in FIR.
— Harshil Mehta હર્ષિલ મહેતા (@MehHarshil) May 20, 2020
On 8 May, in Shahpur, stones were pelted at Police while enforcing lockdown and more forces were called to control situation.
Handle used that video to label officers as activists of BJP RSS.
मुस्लिम मिरर पर एफआईआर होने के बाद मुस्लिम मिरर के संपादक सैयद जुबेर अहमद ने अपने ऊपर लगे सभी इल्जामों को खारिज किया है। उनका कहना है कि वो अपने ट्वीट पर अडिग हैं और उन्हें वीडियो व्हॉट्सएप के जरिए मिली थी। उनके अनुसार उन्होंने अहमदाबाद के अपने सूत्रों से इसे सत्यापित करने के बाद ही ट्विटर हैंडल पर अपलोड किया था।
FIR against Twitter handle for stoking communal fire https://t.co/QJJZDvAKXT via @ahmedabadmirror @AsikBanerjee
— PranjalPB (@PranjalPBMIRROR) May 20, 2020