हरिश्चंद्र श्रीवर्धानकर का कल (27 मई 2020) को ठाणे जिले के कल्याण स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 70 साल के थे। मुंबई के 26/11 हमले में जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल कसाब की अदालत में पहचान करने वाले वे मुख्य गवाह थे।
श्रीवर्धनकर मूल रूप से कोंकण के हरिहरेश्वर के रहने वाले थे। वह खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के सेवानिवृत्त कर्मचारी थे। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्र, दो पुत्री और एक बहू है।
26 नवंबर 2008 को मुंबई में जब पाकिस्तान से आए दस आतंकियों ने हमला किया था तो हरिश्चंद्र को दो गोलियॉं लगी थी। उन्हें कामा अस्पताल के निकट कसाब और उसके साथी अबू इस्माइल ने गोली मारी थी। उन्होंने अपने ऑफिस बैग से इस्माइल को मारा भी था।
सूत्रों ने बताया, ‘‘मंगलवार की रात उनका निधन हो गया।’’ हरिश्चंद्र पहले ऐसे गवाह थे जिन्होंने विशेष अदालत के समक्ष कसाब की पहचान की थी और उसके खिलाफ गवाही दी थी। कसाब एकमात्र आतंकवादी था जिसे जिंदा पकड़ा गया था और 21 नवंबर 2012 को पुणे की यरवदा जेल में उसे फांसी पर लटकाया गया था।”
कुछ दिनों पहले श्रीवर्धनकर को असहाय अवस्था में रास्ते में पाया गया था। वह बीमार थे। गरीबी से लाचार उनके परिवार वाले उनका इलाज नहीं करा पा रहे थे। सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कुछ हफ़्ते पहले कल्याण के एक निजी अस्पताल में जाकर श्रीवर्धनकर के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। साथ ही उन्होंने भाजपा की तरफ से श्रीवर्धनकर के परिवार को 10 लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा भी की थी।