Thursday, May 9, 2024
Homeदेश-समाजन्यायपालिका की अवमानना करने के लिए इंडिया टुडे के संपादक राजदीप सरदेसाई के खिलाफ...

न्यायपालिका की अवमानना करने के लिए इंडिया टुडे के संपादक राजदीप सरदेसाई के खिलाफ SC में याचिका दायर

राजदीप सरदेसाई ने एक अन्य ट्वीट में प्रशांत भूषण मामले पर दिए गए फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना करते हुए दावा किया कि शीर्ष अदालत के पास अवमानना ​​मामले की सुनवाई के लिए समय था जबकि कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक साल से अधिक समय से लंबित पड़ी थी।

प्रशांत भूषण और न्यायतंत्र के खिलाफ अवमानना के मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए इंडिया टुडे के संपादक राजदीप सरदेसाई के ट्वीट को लेकर उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, जिस याचिका में राजदीप सरदेसाई के खिलाफ देश की न्यायपालिका को लेकर विवादित टिप्पणी करने के लिए अवमानना ​​की कार्रवाई की माँग की गई थी, उसमें यह भी कहा गया कि राजदीप सरदेसाई के ट्वीट से पता चलता है कि ये न केवल लोगों के बीच प्रचार का एक सस्ता स्टंट था बल्कि भारत विरोधी अभियान के रूप में नफरत फैलाने का जानबूझकर एक प्रयास किया गया था।

याचिकाकर्ता ने राजदीप सरदेसाई के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने के लिए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की सहमति भी माँगी है।

सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए विवादास्पद वामपंथी गिरोह के कार्यकर्ता प्रशांत भूषण को दोषी ठहराए जाने के बाद राजदीप सरदेसाई ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की थी।

हालाँकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि उनके किस ट्वीट को लेकर न्यायपालिका की अवमानना ​​पर याचिका दायर की गई है, यहाँ कुछ ट्वीट्स है जिसे राजदीप सरदेसाई ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रशांत भूषण को उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही में दोषी ठहराए जाने के बाद किए थे।

राजदीप सरदेसाई ने एक अन्य ट्वीट में प्रशांत भूषण मामले पर दिए गए फैसले पर सर्वोच्च न्यायालय की आलोचना करते हुए दावा किया कि शीर्ष अदालत के पास अवमानना ​​मामले की सुनवाई के लिए समय था जबकि कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका एक साल से अधिक समय से लंबित पड़ी थी।

उन्होंने यह भी कहा था कि भूषण को कोर्ट केस की अवमानना ​​में दी गई सजा सुप्रीम कोर्ट के लिए खुद में एक शर्मिंदगी है।

एक और ट्वीट में उन्होंने अदालतों को काम करने का तरीका भी बताया था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश की अवमानना के मसले पर प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण पर एक रुपए का ज़ुर्माना लगाया था। कोर्ट ने ज़ुर्माना न भर पाने की सूरत में तीन महीने की क़ैद तथा साथ ही तीन साल के लिए वकालत पर प्रतिबंध लगाया था। हालाँकि बेशर्मी से माफी नहीं मॉंगने की बात कहने वाले भूषण अब जुर्माना भरने को तैयार हो गए थे।

प्रशांत भूषण ने कहा है कि उनके ट्वीट्स का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं था, वे सुप्रीम कोर्ट के अपने शानदार रिकॉर्ड से भटकने को लेकर नाराजगी की वजह से किए गए थे। भूषण ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगाए गए जुर्माने की रिव्यू पिटिशन फाइल करने का मुझे अधिकार है। कोर्ट ने मुझ पर जो जुर्माना लगाया है, उसका मैं एक नागरिक को तौर पर कर्तव्य निभाते हुए भुगतान करूँगा।”

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

साउथ में PM मोदी का जलवा: रोड शो में उमड़ी भारी भड़ी, रथ पर सवार प्रधानमंत्री का झलक पाने के लिए बेताब दिखे लोग;...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और जनसेना पार्टी के मुखिया पवन कल्याण भी रथ पर मौजूद रहे।

‘अढ़ाई दिन का झोपड़ा असली मालिकों को सौंपा जाए’: जैन संतों उस मंदिर का किया दौरा, जिसे मुस्लिम आक्रांता कुतुबद्दीन ऐबक ने तोड़कर बना...

जैन भिक्षुओं और उनके अनुयायियों ने अपनी यात्रा के दौरान मस्जिद के केंद्रीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया। मुनि सुनील सागर ने स्थल पर पत्थर के मंच पर दस मिनट तक प्रवचन किया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -