हाथरस केस में एक नया वीडियो सामने आया है। कहा जा रहा है कि यह वीडियो 14 सितंबर 2020, यानी घटना वाले दिन का ही है। इसे तब शूट किया गया था जब पुलिस मौके पर जाँच करने पहुँची थी। वीडियो में खेत में कई सामान बिखरे नजर आ रहे हैं।
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इस वीडियो को लेकर यह दावा किया है कि मौका-ए-वारदात पर कम से कम चार लोग मौजूद थे और लड़की की माँ भी महज 3 मीटर की दूरी पर थी। ऐसे में अगर लड़की चीखती-चिल्लाती तो उसकी आवाज इतनी दूरी से साफ सुनी जा सकती थी।
हाथरस केस: पुलिस की जांच का नया वीडियो आया सामने। @ShivendraAajTak दे रहे हैं ज़्यादा जानकारी #ATVideo #Hathras #UttarPradesh pic.twitter.com/5FmqKxAy5k
— AajTak (@aajtak) October 8, 2020
रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने घटनास्थल पर मिली चीजों को लेकर खुलासा किया है कि वहाँ आसपास 4 हसियाँ पड़ी हुई थीं। इसके अलावा वीडियो में चप्पल और अन्य सामान पड़े देखे जा सकते हैं। आजतक की खबर का दावा है कि इस वीडियो के सामने आने के बाद यूपी पुलिस का कहना है कि वह इसे सबूत के तौर पर सीबीआई को सौंपेंगे, ताकि घटना के बाद की स्थिति की जानकारी जाँच एजेंसी को मिल सके। वहीं वीडियो को रिकॉर्ड किए जाने पर पुलिस ने बताया है कि जब उन्हें इस घटना की पहली दफा सूचना मिली थी, तभी यह वीडियो शूट किया गया था।
गौरतलब है कि पूरे मामले में ये बातें पहले से सामने आ रही हैं कि हाथरस में घटना वाले दिन खेत में कई लोग मौजूद थे। मृतका के साथ ही उसकी माँ भी कुछ दूरी पर ही घास काट रही थी। चारों आरोपितों में से एक आरोपित, लवकुश की माँ का यह बयान भी सोशल मीडिया पर सामने आया था कि घटना के बाद वह और उनका बेटा लड़की की मदद करने गए थे। मगर, पीड़िता के परिवार ने उनके बेटे यानी लवकुश को ही फर्जी केस में फँसा दिया। लवकुश की माँ ने इस पूरे मामले में सच्चाई को सामने लाने के लिए सीबीआई जाँच की माँग की थी। साथ ही नार्को जाँच करवाने की भी माँग की थी।
जरूर सुनिये हाथरस कांड की सच्चाई इस माँ से जिसके लड़के लवकुश ने जब खेत में पीड़िता को पानी देने गया जब वो दर्द से तड़प रही थी घास पर पड़े हुए बेचारे लवकुश को ही पीड़िता के परिवार ने फ़र्ज़ी रेप केस में फंसा दिया, ये माँ CBI जांच नारकोटिक्स जाँच सब मांग कर रही है, लड़का जेल में है pic.twitter.com/Z32skkFL6H
— Gaurav Mishra गौरव मिश्रा 🇮🇳 (@gauravstvnews) October 4, 2020
बता दें कि 14 सितंबर को हाथरस में हुई इस घटना के बाद से सवर्ण बनाम दलित की बहस ने जोर पकड़ा हुआ है। अब तक मीडिया ये कहती रही कि मृतका के साथ गैंगरेप हुआ था। हालाँकि, इस वीडियो के सामने आने के बाद और पुलिस के दावों को देख कर सवाल उठ रहा है कि जब मृतका से उसकी माँ मात्र 3 मीटर की दूरी पर थी तो कैसे उन तक आवाज नहीं पहुँची।
इस मामले में यह भी गौर करने वाली बात है कि आरोपित पक्ष की ओर से लगातार मृतका के साथ कुछ भी गलत किए जाने की बात से इनकार किया जा रहा है। आरोपितों ने आज इस बाबत जेल से एसपी को पत्र भी लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने बताया है कि मृतका की माँ और भाई ने ही उसकी पिटाई की, जिसके कारण उसकी मौत हो गई।
इस पत्र में लिखा है कि मृतका की मुख्य आरोपित संदीप से दोस्त थी और वे फोन पर भी एक-दूसरे से बात करते थे। यह दोस्ती उसके घरवालों को पसंद नहीं थी और इसी नफरत में परिवार के लोगों ने ही उसे मार दिया।
पत्र में हाथरस कांड के चारों आरोपितों– लवकुश, रवि, रामकुमार उर्फ रामू और संदीप उर्फ चंदू, के हस्ताक्षर और उनके अँगूठे के निशान भी हैं। आरोपितों ने पत्र में कहा है कि उन्हें झूठे आरोप में फँसाया गया है। इन सभी ने पत्र के माध्यम से यूपी पुलिस से निष्पक्ष जाँच की माँग की है। उन्होंने एफआईआर में अलग-अलग दिन आरोपितों के नाम बढ़ाने और धाराएँ जोड़ने का भी उल्लेख किया है।
.@hathraspolice कृपया इसकी जानकारी दें। यूँ तो लोग ये कह ही रहे हैं कि पीड़िता, उसकी माँ वहीं थे, जब घटना घटी तो ‘लवकुश की माँ उनकी मदद को आई थी’। थोड़ी देर बाद भाई भी आया था। रिपोर्टरों की आधी बातों पर विश्वास करना मुश्किल ही होता जा रहा है। https://t.co/Qj8TaJ8OK6
— Ajeet Bharti (@ajeetbharti) October 8, 2020