पाकिस्तान की बहुसंख्यक आबादी अब हिंदुओं पर अत्याचार करते-करते उनके घरों को भी जलाकर राख करने लगी है। इसकी जानकारी वॉयस ऑफ पाकिस्तान माइनॉरिटी के ट्विटर हैंडल ने दी है।
ट्विटर हैंडल से बताया गया है कि कैसे वहाँ के इस्लामी कट्टरपंथी पहले हिंदुओं को उनका घर छोड़ने पर मजबूर कर रहे हैं और जब हिंदू उनकी बात नहीं मान रहे, तो उनके घरों को फूँक रहे हैं।
An extremist Dost Muhammad and his goons want the #Hindu in Goth Somar Pali, #Sindh to move from there as they are non-Muslims, upon refusal, they beaten the women and children and burnt down their houses
— Voice of Pakistan Minority (@voice_minority) November 1, 2020
Authorities as always does nothing to protect the rights of minorities pic.twitter.com/fpS9SiWOJT
ट्विटर अकॉउंट के अनुसार, दोस्त मुहम्मद नाम का एक कट्टरपंथी और उसके गुंडे चाहते थे कि सिंध के गोथ सोमर पाली (Goth Somar Pali) में रहने वाले गैर मुस्लिम व हिंदू इलाके से चले जाएँ, लेकिन जब हिंदुओं ने ऐसा करने से मना किया, तो उन्होंने महिलाओं व बच्चों को पीटा और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया।
वहीं प्रशासन ने हमेशा की तरह इस मामले में भी अल्पसंख्यकों के अधिकार संरक्षित करने के लिए कुछ भी नहीं किया। इस ट्वीट के साथ कुछ तस्वीरें भी शेयर की गई हैं। तस्वीरों में खाक हुए घरों को, बेघर हुई महिलाओं को जमीन पर बैठे देख सकते हैं।
An extremist Dost Muhammad and his goons want the #Hindu in Goth Somar Pali, #Sindh to move from there as they are non-Muslims, upon refusal, they beaten the women and children and burnt down their houses
— Voice Of India 🇮🇳💯 (@ExposedPakistan) November 1, 2020
Authorities as always does nothing to protect the rights of minorities pic.twitter.com/eoqYScm9zT
यहाँ बता दें कि पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार किस कद्र बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहाँ के अल्पसंख्यक लोग किसी न किसी बहाने भारत की ओर भाग रहे हैं। कुछ दिन पहले 6 हिंदू परिवार भारत तीर्थ यात्रा के बहाने आए थे।
इन लोगों ने आपबीती सुनाते हुए कहा था कि पाकिस्तान में हिंदू बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। वहाँ मुस्लिम आबादी हिंदुओं पर बहुत अत्याचार करती है। हिंदुओं को पूजा पाठ करने नहीं दिया जाता और न ही धर्म प्रचार करने की आजादी है। अल्पसंख्यकों के बच्चे भी बहुत मुश्किल से पढ़ पाते हैं। होटलों में खाना भी सड़े बर्तनों में खिलाया जाता है।