Monday, November 25, 2024
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जो राहुल गाँधी खुद घोटालों और झूठ के भार तले दबे हैं, वो मोदी को ‘चोर’ और ‘डरपोक’ कह रहे हैं

राहुल को समझने की जरूरत है कि अगस्ता वेस्टलैंड के बिचौलिए मिशेल की हकीकत, भोपाल गैस त्रासदी के जिम्मेदारों को देश से भगाने और बचाने का सच, यूपीए कार्यकाल में राहुल की संपत्ति में हुई 1600 गुना वृद्धि का सच अब किसी से भी छिपा नहीं है।

केंद्र सरकार पर विपक्ष का हमला लगातार बढ़ता जा रहा है। ममता से लेकर मायावती तक इस समय मोदी सरकार के ख़िलाफ़ माहौल बनाने में प्रयासरत है। इसी कड़ी में राहुल गाँधी जैसी ‘शख्सियत’ ने भी मोदी के लिए डरपोक और चोर जैसे शब्दों का एक बार फिर इस्तेमाल किया है।

प्रधानमंत्री पर आरोपों की झड़ी लगाते हुए मंगलवार (अप्रैल 9, 2019) को राहुल गाँधी ने अपनी असम रैली में कहा, “नरेंद्र मोदी और उनकी योजनाएँ सिर्फ़ उनके अमीर उद्योगपतियों (मेहुल चॉकसी, नीरव मोदी, अनिल अंबानी) दोस्तों के लिए हैं।”

जानकार हैरानी होगी लेकिन इन दिनों घोटालों और जमीनों की खरीद-फरोख्त के मामलों में बुरी तरह से फँस चुके गाँधी परिवार के ‘चिराग’ ने अपने भाषण में कहा, “चौकीदार सिर्फ़ चोर ही नहीं हैं, बल्कि डरपोक भी हैं। क्योंकि वो हमेशा भ्रष्टाचार पर बात करते हैं इसलिए मैनें चौकीदार से मुझसे डिबेट करने को कहा, लकिन वो भाग गए।”

बात सिर्फ़ यही पर खत्म नहीं होती है, राहुल गाँधी ने इस रैली के दौरान मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2 करोड़ जॉब, किसानों के लिए वादे और 15 लाख देने के बारे में झूठ बोला था। इस रैली में राहुल गाँधी ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के जरिए चौकीदार सारा पैसा ले गया। बैंकों की चाभी भी अनिल अंबानी जैसे चोरों के हाथ में दे दी गई। यहाँ उन्होंने बराक वैली के लोगों को आश्वासन भी दिया कि अगर कॉन्ग्रेस सरकार सत्ता में आती है तो वह उस चाभी को अनिल अंबानी से छीनकर बराक वैली के नौजवानों को दे देंगे।

यहाँ राहुल गाँधी ने मोदी के बारे में कहा कि पिछले 5 सालों में मोदी सरकार ने 15 लोगों को फायदा पहुँचाया है और देश के सभी अमीरों को बेतहाशा रुपया दिया है। उन्होंने कहा, जब कॉन्ग्रेस 2019 में सत्ता में आएगी तो हेडलाइन आएगी कि “गरीबों को पैसा दिया गया।”

अब राहुल की रैली में कही एक-एक बिंदु पर विचार करिए कि यह पूरी बातचीत कितनी ज्यादा हास्यास्पद और निराधार है। जिस कॉन्ग्रेस के पास खुद के दस सालों में किए घोटालों का जवाब नहीं है, उसके अध्यक्ष चाहते हैं कि मोदी उनसे भ्रष्टाचार पर बात करें। इसके अलावा देश के सबसे काबिल वक्ता को उस व्यक्ति द्वारा डिबेट के लिए ललकारा जा रहा है, जिसे भारतीय विद्यापीठ के छात्रों ने कुछ दिन पहले बच्चों ने ही ‘बच्चों जैसी बात करने वाला‘ करार दे दिया था। साथ ही राहुल की हर बात को स्क्रिप्ट की तरह पहले से तय बताया था।

अब रही बात मोदी सरकार द्वारा अमीरों को 5 सालों में पैसे देने की तो नीरव को जमानत न मिलना और माल्या की लंदन कोर्ट में प्रत्यर्पण की याचिका खारिज होना दर्शाता है कि इन भगौड़ों के खिलाफ़ मोदी सरकार चुुप नही बैठी है। लेकिन राहुल को समझने की जरूरत है कि अगस्ता वेस्टलैंड के मिशेल बिचौलिए की हकीकत, भोपाल गैस त्रासदी के जिम्मेदारों को देश से भगाने और बचाने का सच, यूपीए कार्यकाल में राहुल की संपत्ति में हुई 1600 गुनावृद्धि का सच अब किसी से भी छिपा नहीं है।

इसलिए बेहतर हैं कि वो ऐसी बातें उस शख्स के बारे में तो बिलकुल भी न करें जिसके साथ मुकाबले में उनकी जीत शून्य से गिरके नेगटिव पैरामीटर्स तक पहुँच जाए। अब मतदान शुरू होने में सिर्फ़ दो दिन बचे हैं। 11 तारीख़ को मतादन का पहला चरण है और आखिरी 19 मई है। 23 मई को नतीजे भी आ जाएँगे। जरूरी है कि अब विपक्ष अपनी ओछी और राहुल अपनी बचकानी राजनीति करने से बाज आ जाएँ और 2024 की तैयारी करें।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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