केरल में इस्लामी धर्मांतरण को लेकर नया खुलासा हुआ है। ‘एशियानेट न्यूज़’ ने अपनी एक तहकीकात में पाया है कि केरल में इस्लामी धर्मांतरण के लिए ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI)’ संगठन द्वारा रुपए, घर और नौकरी तक का प्रलोभन दिया जा रहा है। केरल की दलित महिला और ऑटोरिक्शा ड्राइवर चित्रलेखा ने इस्लाम अपनाने की घोषणा की थी और CPI (मार्क्सिस्ट) पर जाति के आधार पर भेदभाव का आरोप लगाया था।
अब इस बात के सबूत मिल रहे हैं कि उनकी इस परिस्थिति का फायदा PFI ने उठाया। केरल में PFI पहले से ही रडार पर है और देश भर में हो रही आतंकी वारदातों से इस संगठन के नाम जुड़ते रहे हैं। केरल के कन्नूर की चित्रलेखा के मामले में भी PFI एंगल सामने आ रहा है। पुलाया समुदाय से आने वाली चित्रलेखा ने दावा किया कि उन्हें अपना गाँव से भागना पड़ा था, क्योंकि उन्हें वहाँ रहने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।
उन्होंने दावा किया कि गाँव से भागने के बावजूद उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है और न्याय मिलने की सारी उम्मीदें खोने के बाद उन्होंने इस्लाम में धर्मांतरण का फैसला लिया है। अब ‘एशियानेट न्यूज़’ ने पाया है कि इसके पीछे PFI की साजिश हो सकती है। उसकी एक वीडियो में चित्रलेखा बता रही हैं कि SDPI (PFI का राजनीतिक संगठन) ने उन्हें इस्लामी धर्मांतरण के बाद घर, नौकरी और वित्तीय सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है।
इस वीडियो में चित्रलेखा बताती हैं कि वो इस बात को लेकर निश्चित हैं कि उनके कदम की आलोचना होगी और कुछ लोग तो उन्हें आतंकी तक घोषित कर सकते हैं। वो आगे आशंका जताती हैं कि उन्हें आने वाले दिनों में उससे भी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जितनों का वो आज कर रही हैं। वो आशंका जाहिर करती हैं कि उन्हें RSS, CPI (M) और कॉन्ग्रेस द्वारा भी परेशान किया जा सकता है। वो कहती हैं:
“SDPI वालों ने बताया है कि वो मेरी सुरक्षा करेंगे। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि मुझे एक घर, नौकरी और वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। मैंने उन्हें बताया है कि अगर इस्लामी धर्मांतरण के बाद ये चीजें नहीं आती हैं तो फिर मेरे पास कोई विकल्प नहीं बच जाएगा। निसार नाम का एक व्यक्ति आया था। वो पॉपुलर फ्रंट का है। वो यहाँ की स्थानीय समिति का भी हिस्सा है। वो कल हमारे घर आए थे और कुछ घरेलू व किचन की चीजें देकर गए।”
आखिर उन लोगों ने क्या कहा? इसके जवाब में इस्लामी धर्मांतरण का ऐलान करने वाली केरल की महिला ने बताया कि वो (PFI/SDPI वाले) अपने ऊपर के लोगों से बात कर के वापस लौटेंगे, वो तिरुवनंतपुरम में अपनी पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को इस बारे में जानकारी देंगे। चित्रलेखा ने अनुमान लगाया कि शायद यही उनके काम करने का तरीका है। उन्होंने बताया कि SDPI में शामिल होना ज़रूरी नहीं है, लेकिन उन्हें पार्टी का काम करने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि बस आपकी एक राजनीतिक विचारधारा होनी चाहिए।
PFI का इतिहास देखें तो हाल ही में हाथरस मामले पर दंगे कराने के लिए इस संगठन को मॉरिशस से मिले 50 करोड़ रुपए की फंडिंग की खबर सामने आई थी और इस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा भी था कि वो किसी भी साजिश को सफल होने नहीं देंगे और न ही किसी को लोगों के भरोसे के साथ खिलवाड़ करने की इजाजत देंगे। हाथरस जाते हुए 4 PFI सदस्यों के पकड़े जाने से इसका खुलासा हुआ था। उनकी पहचान उर रहमान ,सिद्दीकी, मसूद अहमद व आलम के रूप में हुई थी।