लॉकडाउन के दौरान जब लगभग हर राज्य की सरकारें राजस्व की समस्या पर हताश हो रही थीं उस समय यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार वाकई आपदा में अवसर खोजने के लिए प्रयासरत थी। अब उन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि सरकार ने मात्र 8 माह में 26 लाख 62 हजार 960 लोगों को रोजगार मुहैया करवाने में सफलता पाई है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना रोजगार मुहैया कराने में गेम चेंजर साबित हुई। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में लॉकडाउन लागू होते ही छोटे-बड़े सभी उद्योग तो करीब करीब बंद हो गए थे और श्रमिकों का पलायन भी शुरू हो गया था।
प्रवक्ता का कहना है कि यही सब देखते हुए बीती 4 मई को सीएम योगी ने अपने आवास पर उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की थी और दूसरे प्रदेशों से यूपी लौट रहे मजदूरों व अन्य लोगों के लिए राज्य में ही रोजगार के अवसर प्रदान करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद एक कार्य योजना को तैयार किया गया और उसी पर अमल करते हुए 8 महीनों में आत्मनिर्भर पैकेज के जरिए 6,65,740 नई इकाइयों में 26,62,960 लोगों को रोजगार मिला। इनमें से 2,57,348 श्रमिक ऐसे हैं, जिन्हें पहले से चल रही इकाइयों में ही रोजगार दिया गया।
लाखों श्रमिकों को MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग) सेक्टर में आत्मनिर्भर पैकेज से सर्वाधिक रोजगार मिला। इतना ही नहीं सीएम के निर्देश पर तैयार किए गए सेवायोजन पोर्टल के जरिए भी 13 दिसंबर तक 5,25,978 लोगों को रोजगार मिला।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध योगी आदित्यनाथ सरकार की कोशिशों की तारीफ कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट भी कर चुका है। यूपी सरकार ने बीते दिनों 4 साल में लगभग चार लाख लोगों को नौकरी और रोजगार देने का अनोखा रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है। और अब सूचना है कि योगी सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज के तहत 4,24,283 पुरानी इकाइयों को 1,092 करोड़ रुपए का लोन देकर पुराने रोजगार बचाए रखा।
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार के इस प्रयास के कारण देशभर में उनकी सराहना हो रही है। कहा जा रहा है कि योगी सरकार ने छोटे उद्योगों से रोजगार देने का बड़ा लक्ष्य साधा है और इसी मॉडल को देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जाना चाहिए।