Tuesday, November 26, 2024
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IPS लिपि सिंह के पिता बने JDU के अध्यक्ष: नीतीश को कम सीटों पर जीत की कसक, दूसरे राज्यों में करेंगे पार्टी का विस्तार

RCP सिंह को JDU अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध भी हो रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि मुंगेर दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान जिस IPS लिपि सिंह के रहते पुलिस क्रूरता के कारण खौफनाक मौत से लेकर...

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार चलाने पर अपना पूरा फोकस रखने की बात कहते हुए जदयू (JDU) अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्होंने फिर इस पद के लिए रामचंद्र प्रसाद (RCP) सिंह का नाम प्रस्तावित किया। इसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। इस पद पर कभी जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव जैसे नेता रहे थे। RCP सिंह, IPS अधिकारी लिपि सिंह के पिता हैं।

राज्यसभा सांसद RCP सिंह का नीतीश कुमार से पुराना जुड़ाव रहा है। जब नीतीश केंद्रीय मंत्री हुआ करते थे, तब उनके ही मंत्रालय में अधिकारी के रूप में वो तैनात थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश ने उन्हें बिहार बुला लिया। फिर IAS का पद छोड़ कर वो राजनीति में आ गए। RCP सिंह के दामाद सुहर्ष भगत भी डीएम हैं, ऐसे में इस परिवार को बिहार के सबसे प्रभावशाली परिवारों में गिना जाता है।

जदयू कार्यकारिणी को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार ने खुद को निःस्वार्थ बताते हुए कहा कि वो तो मुख्यमंत्री बनना ही नहीं चाहते थे, लेकिन दबाव के कारण बने। उन्होंने कहा कि वो अब भी तैयार हैं कि NDA किसी को भी सीएम पद दे दे, भले ही वो भाजपा का ही क्यों न हो। बिहार सीएम ने कहा कि उन्होंने राजनीति में समझौते नहीं किए। उन्होंने जदयू नेताओं को भरोसा दिया कि वो पार्टी छोड़ नहीं रहे, बल्कि पार्टी को समय कम दे पा रहे थे, इसीलिए अध्यक्ष पद छोड़ा।

2019 में जदयू अध्यक्ष चुने गए नीतीश कुमार का अभी सवा साल का कार्यकाल बाकी था। जैसा कि उन्होंने बैठक में भी कहा, नेताओं को अब दूसरे राज्यों में पार्टी के विस्तार पर ध्यान देना चाहिए। नीतीश पहले भी ऐसा कर चुके हैं। जब 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी को हार मिली तो उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ उस पर जीतन राम माँझी को बिठा दिया था। अब विधानसभा चुनाव में जदयू का प्रदर्शन गिरा है।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार के मन में ये कसक थी कि भाजपा ने लगभग बराबर ही सीटों पर चुनाव लड़ कर जदयू से डेढ़ गुना से भी अधिक सीटें जीत लीं। जहाँ भाजपा को 74 सीटें मिलीं, नीतीश को मात्र 43 से संतोष करना पड़ा। नीतीश कुमार इस असमंजस में हैं कि जब 2019 लोकसभा चुनाव में जदयू ने 16 सीटें जीत लीं, तो डेढ़ वर्ष में ही ऐसा क्या बदल गया। वो लगातार कार्यकर्ताओं और हारे हुए उम्मीदवारों से फीडबैक ले रहे थे।

JDU की स्थापना से दिसंबर 2003 से अप्रैल 2006 तक जॉर्ज फर्णांडिस, 2006 से अप्रैल 2016 तक शरद यादव और इसके बाद से नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। कहा जा रहा है कि वो अन्य राज्यों में अब पार्टी के विस्तार के लिए समय देंगे। RCP सिंह पूरे बिहार में प्रखंड स्तर पर दौरा कर के पार्टी को मजबूत बनाने में लगे हुए हैं। संगठन में उनकी सक्रियता और दिलचस्पी को देखते हुए उन्हें अब राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी दी गई है।

हालाँकि, उन्हें JDU अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध भी हो रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि मुंगेर दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान पुलिस क्रूरता के कारण हुई 1 मौत (अपुष्ट रूप से 2) और कइयों के घायल होने के लिए जिम्मेदार रहीं एसपी लिपि सिंह के पिता को ये पद दिया जाना कहाँ तक ठीक है? दुर्गा पूजा समिति ने भी कहा था कि उसके लोग लिपि सिंह के सामने ला-ला कर पीटे गए। चुनाव आयोग ने उन्हें तब हटा भी दिया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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