Sunday, May 5, 2024
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माँ बन गई ईसाई… गुस्से में 14 साल के बेटे ने दी जान: लाश के साथ ‘जीसस के चमत्कार’ की प्रार्थना

14 साल का सूरज धर्मांतरण के खिलाफ इतनी कम उम्र में ही ग्रामीणों को जागरूक कर रहा था। पुलिस ने ईसाई प्रार्थना से मृतक को जिंदा करने की कोशिशों की बात स्वीकार की है लेकिन...

झारखंड के चतरा में एक किशोर ने कुएँ में कूद कर आत्महत्या कर ली क्योंकि वो अपनी माँ के ईसाई धर्मांतरण से दुःखी था। उक्त घटना जोरी-वशिष्ठ नगर थाना क्षेत्र स्थित कटैया पंचायत के पन्नाटांड रविदास टोला की है, जहाँ कमलेश दास के 14 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार दास ने शुक्रवार (फरवरी 26, 2021) की देर शाम कुएँ में कूद कर आत्महत्या कर ली। झारखंड में आदिवासियों के बीच ईसाई मिशनरी खासे सक्रिय हैं।

ईसाई मिशनरियों ने उक्त किशोर की मौत के बाद उसकी लाश पर भी अपना एजेंडा चलाया। कुएँ से उसके शव को निकाल कर उसे फिर से ज़िंदा करने की कोशिश होती रही। इसके लिए ईसाई मजहब की प्रार्थनाएँ पढ़ी गईं और लोगों के बीच ‘जीसस के चमत्कार’ की झूठी उम्मीद जगाई गई। लेकिन, इसकी सूचना मिलते ही वशिष्ठ नगर थाने की पुलिस वहाँ पहुँची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हेतु चतरा भेजा।

हालाँकि, पुलिस ने इस मामले में धर्मांतरण वाले एंगल को नकार दिया है, जबकि स्थानीय लोग पुलिस की बातों से इत्तिफ़ाक़ नहीं रखते। NBT की खबर के अनुसार, स्थानीय ग्रामीण नित्यानंद मिश्रा ने जानकारी दी कि मृतक सूरज इन दिनों अपनी माँ के ईसाई मजहब में संलिप्तता व सक्रियता से खासा आक्रोशित था और मिशनरियों द्वारा गाँव के लोगों को गुमराह कर धर्मांतरण कराने की कोशिशों का लगातार विरोध कर रहा था।

ग्रामीणों का कहना है कि सूरज इसी कारण अवसाद में भी चला गया था। ऊपर से घर के लोग ये समझ रहे थे कि सूरज का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और ईसाई मजहब की प्रक्रियाओं से उसका इलाज करवा रहे थे। इससे बच्चे का मानसिक संतुलन बिगड़ता ही चला गया और उसने आत्महत्या कर ली। ये भी बताया गया है कि सूरज धर्मांतरण के खिलाफ इतनी कम उम्र में ही ग्रामीणों को जागरूक कर रहा था।

हंटरगंज कॉलेज के इंटर का छात्र सूरज इस बात से नाराज था कि गाँव में कुछ बाहरी लोग आकर मिशनरी एजेंडा चला रहे थे और लोगों का धर्मांतरण करा रहे थे। पन्नाटांड़ टोला लगभग 100 लोगों की जनसंख्या वाला टोला है, जहाँ रहने वाले अधिकतर लोग गरीब और मजदूर हैं। उनकी दयनीय आर्थिक स्थिति का फायदा ईसाई मिशनरी उठाते हैं। पुलिस ने ईसाई प्रार्थना से मृतक को ज़िंदा करने की कोशिशों की बात स्वीकार की है लेकिन आगे की बात जाँच के बाद बताने को कही।

बता दें कि झारखंड में लालच देकर धर्मांतरण का खेल ईसाई मिशनरियों द्वारा खेला जा रहा है, जिसमें जनजातीय समूहों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। गढ़वा स्थित धुरकी प्रखंड के खाला गाँव में ऐसे 2 दर्जन परिवारों ने ईसाई मजहब अपना लिया था। जनवरी 2021 में कोरवा समाज की एक बैठक हुई, जिसमें गाँव के 3 परिवारों को ईसाई मजहब अपनाने के लिए समाज से बहिष्कृत किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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