Tuesday, May 7, 2024
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‘TDP के घटते जनाधार से घबरा चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी का BJP में किया विलय’: आंध्र की मुख्य विपक्षी पार्टी ‘अप्रैल फूल’ से भड़की

"TDP के नेताओं को ऐसा लगता है कि पार्टी के भीतर जोश की भारी कमी है और सत्ताधारी YSRCP से अगले 3 वर्षों में सत्ता छीनने की छोटी सी उम्मीद ही बची है। लोगों के घटते समर्थन और हर जिले में कैडर और नेताओं के अलग होने के बाद नायडू ने ये फैसला लिया है।"

आज गुरुवार (अप्रैल 1, 2021) को ‘अप्रैल फूल’ बनाने के लिए एक पत्रकार ने कुछ ऐसा लिख दिया, जिससे आंध्र प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी TDP नाराज़ हो गई। ये लेख ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ के रेजिडेंट एडिटर श्रीराम कर्री ने शेयर किया था, जिस पर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी भड़क गई। दरअसल, इस ‘खबर’ में लिखा है कि 3 बार मुख्यमंत्री रहे नायडू ने अपनी लड़खड़ाती पार्टी का भाजपा में विलय करने का निर्णय लिया है।

इस पर बौखलाती हुई TDP ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि केवल मूर्ख ही ‘अप्रैल फूल’ मनाने के लिए ख़बरों का इस्तेमाल करते हैं। TDP ने लिखा कि ‘अप्रैल फूल डे’ का फायदा उठा कर श्रीराम कर्री ने फेक न्यूज़ फैलाने का काम किया है, जिससे न सिर्फ उन्होंने पत्रकारिता को नीचे धकेला है, बल्कि पाठकों को भी निराश किया है। तेदेपा ने लिखा कि उस पत्रकार ने ‘अपने मालिकों के साथ खुद के विलय’ का खुलासा किया है, जिससे उसे इनाम मिलेगा।

DC के उस लेख में लिखा है, “TDP के नेताओं को ऐसा लगता है कि पार्टी के भीतर जोश की भारी कमी है और सत्ताधारी YSRCP से अगले 3 वर्षों में सत्ता छीनने की छोटी सी उम्मीद ही बची है। लोगों के घटते समर्थन और हर जिले में कैडर और नेताओं के अलग होने के बाद नायडू ने ये फैसला लिया है। चिरंजीवी ने इसी तरह अपनी पार्टी का कॉन्ग्रेस में विलय किया था। अभी ये साफ़ नहीं है कि क्या TDP से भाजपा में गए किसी पूर्व राज्यसभा सांसद ने बिचौलिए की भूमिका निभाई।”

लेख में आगे लिखा है, “करार के अनुसार, नायडू ने बिना शर्त अपनी पार्टी का भाजपा के साथ विलय कर केंद्रीय राजनीति में जाने की योजना बनाई है। TDP ने शर्त रखी थी कि चंद्रबाबू नायडू को केंद्रीय कैबिनेट में एक बड़े विभाग का मंत्री बनाया जाए, जिसे भाजपा ने ठुकरा दिया। लेकिन, उन्हें जल्द ही केंद्रीय कैबिनेट रैंक मिल सकता है। MLC, TDP सचिव और नायडू के बेटे नारा लोकेश के भविष्य को लेकर भी भाजपा ने कोई वादा नहीं किया है।”

खबर के अंत में लिखा था कि ये ‘अप्रैल फूल जोक’ है। आंध्र प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सुनील देवधर ने भी इस खबर का स्क्रीनशॉट शेयर किया और पूछा कि क्या ये ‘अप्रैल फूल जोक’ है? बता दें कि TDP कभी राजग का हिस्सा हुआ करती थी, लेकिन 2018 में पार्टी भाजपा नीत गठबंधन से अलग हो गई थी। इसके बाद नायडू ने कई बड़े नेताओं से मिल कर तीसरे मोर्चे की तैयारी शुरू कर दी थी।

लेकिन पार्टी को धरातल पर आते समय नहीं लगा क्योंकि अगले ही साल हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में उसे जगन मोहन रेड्डी की पार्टी से कड़ी पटखनी मिली। इसके बाद नायडू की पार्टी के मंत्रियों सहित 50 बड़े नेताओं ने भाजपा का दामन थामा। कहा जाता है कि एक रैली में नायडू ने NDA से अलग होने पर अफ़सोस भी जाहिर किया था। फ़िलहाल नायडू और उनकी पूर्ववर्ती सरकार भ्रष्टाचार के कई आरोपों से जूझ रही है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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