Sunday, September 8, 2024
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एंटीलिया के बाहर जिलेटिन कांड के बाद सचिन वाजे करने वाला था एनकाउंटर, दूसरों पर आरोप मढ़ने की थी पूरी प्लानिंग

वाजे ने जिलेटिन केस के कुछ दिन बाद एक एनकाउंटर की प्लानिंग की गई थी, ताकि यह बताया जाए कि जो लोग एनकाउंटर में मारे गए, उन्होंने ही मुकेश अंबानी की एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर जिलेटिन वाली स्कॉर्पियो खड़ी की थी। वाजे की इस लिस्ट में मनसुख हिरेन का नाम.....

मुंबई के एंटीलिया केस में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने NIA के सामने बड़ा खुलासा किया है। वाजे ने बताया है कि वो एंटीलिया के बाहर जिलेटिन कांड के बाद कुछ फेक एंकाउंटर भी करने वाला था। अपने इस काम को अंजाम देने के लिए वाजे औरंगाबाद से चोरी हुई मारुती इको का इस्तेमाल करता, जिसका नंबर प्लेट कुछ दिन पहले मीठी नदी से बरामद हुआ था।

सूत्रों के अनुसार, वाजे ने जिलेटिन केस के कुछ दिन बाद एक एनकाउंटर की प्लानिंग की गई थी, ताकि यह बताया जाए कि जो लोग एनकाउंटर में मारे गए, उन्होंने ही मुकेश अंबानी की एंटीलिया बिल्डिंग के बाहर जिलेटिन वाली स्कॉर्पियो खड़ी की थी। वाजे की इस लिस्ट में मनसुख हिरेन का नाम था या नहीं ये साफ नहीं हो पाया है।

पूरे प्लॉन को अंजाम देने के लिए 2 लोगों की पहचान हुई थी, जिनके एनकाउंटर होते ही इन्वेस्टिगेशन का पूरा केस वहीं खत्म हो जाता। लेकिन जिलेटिन की वजह से जब इस केस में टेरर एंगल आया और जाँच में एटीएस के बाद NIA ने जाँच का काम संभाला तो वाजे की सारी प्लॉनिंग फेल होती गई। धीरे-धीरे बराबद सभी सबूतों पर वाजे को धरा गया।

जाँच में उसके पास से NIA को कई लाख कैश, बेनामी कारतूस और बैंक खाते में जमा डेढ़ लाख रुपए मिले हैं। एजेंसी को शक है कि इस केस में हिरेन भी साथ था, तभी उसकी जान गई।

बता दें कि मुंबई की NIA कोर्ट ने सचिन वाजे मामले पर सुनवाई करते हुए उसे 14 दिन न्यायिक हिरासत में भेजा है। वह इस समय तलोजा जेल में है। शुक्रवार को उसकी मेडिकल रिपोर्ट पेश करके बताया गया कि उसे कार्डियो ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है। NIA ने कोर्ट से खुद ये भी कहा है कि उन्हें अब मामले में वाजे से और पूछताछ नहीं करनी, जिसके बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि जाँच एजेंसी की पड़ताल पूरी हो गई है।

बता दें कि 25 फरवरी को इस पूरे केस की शुरुआत हुई थी। मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया से कुछ दूरी पर एक विस्फोटक से लदी गाड़ी मिली। इसमें जिलेटिन की 20 छड़े थीं। मामले की जाँच शुरू हुई तो पता चला की गाड़ी ठाणे व्यापारी मनसुख हिरेन की है।

5 मार्च को इस केस में नया मोड़ आया जब हिरेन की लाख में नदी के पास मिली। मामले की गुत्थी सुलझाने का जिम्मा पहले सचिन वाजे पर ही था लेकिन बाद में इस काम को पहले मुंबई एटीएस को दिया गया और फिर इस मामले की जाँच NIA को दे दी गई। 13 मार्च को सचिन वाजे गिरफ्तार हुआ और तब से इस मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। कई नेताओं और पुलिस अधिकारियों के नाम भी इस बीच सामने आ चुके हैं। 

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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