Thursday, November 28, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयभारत में जलती चिताओं का मजाक उड़ा घिरी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, फजीहत के बाद...

भारत में जलती चिताओं का मजाक उड़ा घिरी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, फजीहत के बाद ट्वीट डिलीट

इस पोस्‍ट पर चीन के सोशल मीडिया यूजर्स ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी और कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की भारत में कोरोना त्रासदी के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए कड़ी आलोचना की। वीबो यूजर्स ने कहा कि यह पोस्‍ट 'अनुचित' है और चीन को भारत के साथ सहानुभूति दिखानी चाहिए।

भारत में कोरोना त्रासदी में मदद का दावा कर सहानुभूति बटोरने का प्रयास कर रहे चीन की घटिया मानसिकता को खुद उसकी ही पार्टी ने दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। इससे चीन की सत्तारूढ़ पार्टी की देश ही नहीं दुनिया भर में जमकर किरकिरी हो रही है।

दरअसल चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party) के एक सोशल मीडिया अकाउंट से भारत में जारी कोरोना संकट का मजाक बनाया गया है। इसमें कहा गया कि भारत में चिताएँ जल रही हैं, जबकि चीन अंतरिक्ष में स्पेस स्टेशन तैयार कर रहा है। पोस्ट में साझा की गई तस्वीर में चीन के तियांहे मॉड्यूल और इसके जलते ईंधन की तुलना भारत में चलती चिताओं से की गई।

चीन की माइक्रो ब्‍लॉगिंग वेबसाइट वीबो (Weibo) पर कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के सेंट्रल पोलिटिकल एंड लीगल अफेयर्स के अकाउंट से किए गए इस विवादित पोस्‍ट के बाद सोशल मीडिया में बवाल मच गया। इस पोस्‍ट में एक तरफ चीन के रॉकेट लॉन्‍च करने और दूसरी तरफ भारत में लाशों के जलाए जाने की तस्‍वीर को दिखाया गया है। इस पोस्‍ट में कैप्‍शन लिखा है, “चीन की जलाई हुई आग बनाम भारत की जलाई हुई आग।”

Th controversial Weibo post mocking India’s funeral pyres, via Twitter

इसमें हैशटैग के साथ भारत में कोरोना मामलों के चार लाख पार होने का जिक्र भी किया गया। हालाँकि, इस तस्वीर को लेकर चीन में ही आलोचना शुरू हो गई। चीनी नागरिकों ने पोस्ट को लेकर नाराजगी जाहिर की, जिसके बाद इसे डिलीट कर दिया गया।

इस पोस्‍ट पर चीन के सोशल मीडिया यूजर्स ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी और कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की भारत में कोरोना त्रासदी के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने के लिए कड़ी आलोचना की। वीबो यूजर्स ने कहा कि यह पोस्‍ट ‘अनुचित’ है और चीन को भारत के साथ सहानुभूति दिखानी चाहिए। 

इस आलोचना के बाद चीन के सरकारी भोपू ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने लिखा कि हमें भारत के लिए मानवीयता के परचम को इस बार ऊपर उठाना चाहिए। भारत के प्रति संवेदना व्यक्त करनी चाहिए और चीनी समाज के नैतिकता को ऊँचा रखना चाहिए। हू ने कहा कि अपने अकाउंट पर लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए इस तरह का तरीका अपनाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है।

हालाँकि, बाद में हू शिजिन का भी असली चेहरा दुनिया के सामने आ गया। हू शिजिन ने ट्वीट करके कहा, “कई चीनी लोगों की चिंता है कि ऑक्‍सीजन कंसट्रेटर्स और वेंटिलेटर जैसी आपातकालीन सप्‍लाइ जो चीन भारत को देगा उसका इस्‍तेमाल भारत के गरीब मरीजों को बचाने की बजाय देश के अमीरों की जरूरत को पूरा करेगा।” इस तरह ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर ने भारत की व्‍यवस्‍था पर सवाल उठाए।

वहीं, जब इस मामले पर चीन के विदेश मंत्रालय से जवाब माँगा गया तो इसने जवाब देने के बजाय कहा कि हमें उम्मीद है कि हर कोई महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई का समर्थन करने वाली चीनी सरकार और लोगों के विचारों पर ध्यान देगा। मंत्रालय ने आगे कहा कि आने वाले दिनों में कोरोना से लड़ने के लिए अन्य जरूरी मेडिकल सप्लाई को भारत भेजा जाएगा। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संदेश भेजते हुए भारत में कोरोना की स्थिति पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने भारत में कोविड-19 मामलों के उछाल से निपटने के लिए समर्थन और मदद देने की पेशकश भी की।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

क्या बोल्ला काली मंदिर में बंद हो जाएगा बलि प्रदान? कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा- इसे प्रोत्साहित न करें, लोगों को...

कलकत्ता हाई कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा है कि बोल्ला काली पूजा के दौरान मंदिर समिति सामूहिक पशु बलि को प्रोत्साहित ना करे।

हिंदू संत को बांग्लादेश ने क्यों किया गिरफ्तार, क्या बदले की कार्रवाई कर रही मोहम्मद यूनुस सरकार: क्या कहता है कानून, चिन्मय कृष्ण दास...

बांग्लादेश में संत चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया है। वकीलों का कहना है कि इस मामले में कानून का पालन नहीं हुआ।
- विज्ञापन -