कॉन्ग्रेस पार्टी ने बुधवार (मई 19, 2021) को माइक्रो ब्लॉगिंग एप ट्विटर को एक ईमेल भेज कर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रवक्ता संबित पात्रा, केंद्रीय कपड़ा और महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष सहित कई पार्टी पदाधिकारियों के हैंडल्स सस्पेंड करने को कहा था। कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि जिस दस्तावेज को उसका टूलकिट बता कर शेयर किया जा रहा है, वो फर्जी है।
इस टूलकिट में इसका पूरा ब्यौरा था कि कोरोना काल में किए मोदी सरकार को बदनाम करना है। कुंभ को बदनाम करने से लेकर विदेशी मीडिया के साथ साँठगाँठ तक की बात लिखी हुई थी। कॉन्ग्रेस ने आरोप लगाया कि इस दस्तावेज के साथ छेड़छाड़ किया गया है। हालाँकि, टूलकिट को फर्जी साबित करने के लिए उसने अब तक कोई सबूत नहीं दिया है। कॉन्ग्रेस ने अपनी शिकायत में सिर्फ उस FIRs की प्रति लगाई थी, जो उसने भाजपा नेताओं के विरुद्ध दर्ज कराया था।
इस पत्र में लिखा है कि भाजपा नेताओं ने एक ‘पूर्व-नियोजित आपराधिक षड्यंत्र’ के तहत कॉन्ग्रेस के फर्जी लेटरहेड पर छेड़छाड़ कर के एक दस्तावेज तैयार किया गया, ताकि इसे अपने सोशल मीडिया हैंडल्स से शेयर करा-करा कर सांप्रदायिक तनाव और सामाजिक अशांति का माहौल बनाया जा सके। पार्टी का आरोप है कि देश के विभिन्न राज्यों में हिंसा फैलाने के लिए इस ‘शरारतपूर्ण और मनगढ़ंत’ कंटेंट शेयर किया गया।
कॉन्ग्रेस पार्टी ने ट्विटर से अपील की है कि इन भाजपा नेताओं के ट्विटर हैंडल्स को स्थायी रूप से निलंबित किया जाए और मामले की पूरी जाँच की जाए। कॉन्ग्रेस ने इन भाजपा नेताओं को ‘आदतन फर्जी कंटेंट फैलाने वाला’ बताते हुए लिखा है कि ट्विटर प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है। इसके 1 दिन के भीतर ही ट्विटर ने कॉन्ग्रेस के टूलकिट वाले दस्तावेज को ‘मैनीपुलेटेड मीडिया’ वाले टैग के अंतर्गत डाल दिया।
Twitter ने संबित पात्रा के ट्वीट पर ‘Manipulated Media’ वाला टैग लगा दिया। ट्विटर भ्रामक कंटेंट्स पर ये लेबल लगाता है। ट्विटर ने भी ऐसा कोई तर्क नहीं दिया है, जिससे लगे कि ये फर्जी है। AltNews ने भी इस टूलकिट को फर्जी साबित करने के लिए झूठ फैलाया, लेकिन उनकी भी पोल खुल गई। ट्विटर की हरकतों से तो ऐसा लग रहा है कि वो भी कॉन्ग्रेस की इस टूलकिट का हिस्सा है और इसमें उसका भी कुछ रोल है।
1. Congress wrote email, asking to suspend accounts of BJP leaders
— Vijay Patel (@vijaygajera) May 21, 2021
2. Letter doesn’t have any proof, just mention of FIR
3. Twitter was in action just in 1 day
4. Umar Khalid is in jail and have name in chargesheet, but still his account is on Twitter and have blue tick! pic.twitter.com/HYv2jqvqhf
ट्विटर का भाजपा नेताओं के ट्वीट्स पर ‘भ्रामक कंटेंट’ के लेबल लगाने का पुराना इतिहास रहा है। अगर कॉन्ग्रेस या राहुल गाँधी के झूठ को बेनकाब करने के लिए अगर कुछ शेयर किया जाता है तो उसे भी ट्विटर भ्रामक बता देता है। दिसंबर 2020 में एक तस्वीर शेयर कर के राहुल गाँधी ने आरोप लगाया था कि पुलिस एक बुजुर्ग किसान को पीट रही है। भाजपा IT सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने इसका पूरा वीडियो शेयर किया।
उसमें देखा जा सकता था कि वो डंडा किसान को छूता तक नहीं है, लेकिन फिर भी झूठा प्रोपेगंडा फैलाया जा रहा था। इस पर भी ट्विटर ने भ्रामक का लेबल लगा दिया। इसी तरह पीएम मोदी ने असम की एक रैली में बताया कि कैसे कॉन्ग्रेस गरीब को गरीब रखना चाहती है तो कॉन्ग्रेस आईटी सेल हेड रोहन गुप्ता ने इसे काट-छाँट कर ऐसे पेश किया जैसे पीएम मोदी गरीबों को धोखा देने की बात कर रहे हों।
रोहन गुप्ता ने वीडियो के उस हिस्से को हटा दिया था, जिसमें पीएम मोदी कहते हैं कि ये कॉन्ग्रेस का प्रोपेगंडा है। हालाँकि, ट्विटर ने रोहन गुप्ता के वीडियो पर भ्रामक का लेबल नहीं लगाया। इसी तरह दिल्ली दंगों के आरोपित JNU के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को वेरिफाइड का ब्लू टिक दे रखा है। 21 वर्षीय दिशा रवि को भी ब्लू टिक मिला, जिसने ‘किसान आंदोलन’ से अशांति के लिए टूलकिट बनाया था।