Wednesday, November 27, 2024
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कोरोना से अनाथ ​हुए बच्चों को मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य बीमा, मासिक भत्ता और ₹10 लाख का फंड: PM मोदी ने की घोषणा

ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र से मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा। सरकार ऐसे बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी। बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और PM CARES लोन पर ब्याज का भुगतान सरकार करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना महामारी की वजह से अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने शनिवार (29 मई 2021) को पीएम केयर फंड से बच्चों की मुफ़्त शिक्षा के अलावा कई योजनाओं का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के मुताबिक, कोरोना महामारी में माता-पिता गँवाने वाले बच्चों की ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना के तहत मदद की जाएगी। इसके तहत अनाथ बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी और उनका स्वास्थ्य बीमा भी किया जाएगा।

ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र से मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड मिलेगा। सरकार ऐसे बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा सुनिश्चित करेगी। बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन प्राप्त करने में सहायता की जाएगी और PM CARES लोन पर ब्याज का भुगतान सरकार करेगी। आयुष्मान भारत के तहत बच्चों को 18 साल तक 5 लाख रुपए का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा मिलेगा और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा, “बच्चे भारत के भविष्य हैं और हम उनकी सुरक्षा और सहायता के लिए सब कुछ करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और एक उज्ज्वल भविष्य की आशा करें।”

मालूम हो कि शुक्रवार (28 मई 2021) को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इसकी कल्पना तक नहीं कर सकती कि कोविड-19 महामारी के कारण इतने बड़े देश में कितने बच्चे अनाथ हो गए। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य के अधिकारियों को उनकी तत्काल पहचान करने तथा उन्हें राहत मुहैया कराने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश देते हुए कहा था कि सड़कों पर भूख से तड़प रहे बच्चों की व्यथा समझने का प्रयास करें। जिला अधिकारियों द्वारा अदालतों के किसी भी अगले आदेश का इंतजार किए बिना फौरन उनकी देखभाल की जाए।

बता दें कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर देश में बेहद घातक साबित हो रही है। इसकी वजह से भारत में कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न हो गई हैं। रोज लाखों मामले सामने तो आए ही, अब तक तीन लाख से अधिक लोगों की जान भी जा चुकी है। कोरोना से प्रभावितों में वे बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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