Sunday, September 8, 2024
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मोदी जीत भी गए तो भारत बँटा हुआ ही रहेगा: The Wire ने उगला जहर

"भारत 1947 से लेकर 2014 तक सहिष्णु था और लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं को अपनाए हुए था। हिंदुत्व और दक्षिणपंथ की तरफ जो झुकाव पैदा कर दिया गया है, वो नहीं बदलेगा।"

प्रोपगंडा वेबसाइट ‘द वायर’ ने लोकसभा चुनाव में राजग की जीत की भनक मिलते ही अलग ही सुर में रोना शुरू कर दिया है। वायर का कहना है कि लोकसभा चुनाव में जिसकी भी जीत हो, भारत तो बँटा हुआ ही रहेगा। वायर का यह लेख आज ही आया है और इसे जवाहर सरकार ने लिखा है। जैसा कि हम जानते हैं, मीडिया के एक गिरोह विशेष का अंतिम रोना यही होता है- “तो क्या हो गया, ऐसा होगा-वैसा होगा”। अब जब राजग यूपीए को कड़ी पटखनी देता हुआ नज़र आ रहा है, इनका अंतिम दाँव यही है कि मोदी के जीतने के बावजूद सब कुछ वैसा ही रहेगा, जैसा नैरेटिव ये बनाना चाहते हैं। जवाहर सरकार ने वायर में कहा है कि भारत 1947 से लेकर 2014 तक सहिष्णु था और लोकतान्त्रिक प्रक्रियाओं को अपनाए हुए था।

जवाहर का मानना है कि चाहे कोई भी पार्टी जीते (एग्जिट पोल्स के अनुसार साफ़ था कि राजग की जीत हो रही है), भारतीय व्यवस्था में पिछले पाँच वर्षों में जो व्यवहार और विचार भर दिए गए हैं, जबरन डाल दिए गए हैं, उसे पलटना मुश्किल है। उनका मानना है कि नई सरकार कितनी भी तेज़ी से प्रयास कर ले, अगर ऐसा है भी तो हिंदुत्व और दक्षिणपंथ की तरफ जो झुकाव पैदा कर दिया गया है, वो नहीं बदलेगा। हालाँकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि अगर ऐसा है भी तो हिंदुत्व और दक्षिणपंथ ग़लत क्यों है, इसमें क्या बुराई है? उनके अनुसार, घृणा अब वास्तविक है। हिन्दुओं के एक बड़े धड़े पर गंभीर आरोप लगाते हुए सरकार ने लिखा है कि वे मुस्लिमों को शक्तिहीन बनाना चाहते हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि अगले कुछ वर्षों में भारत पर वैष्णव शाकाहार थोप दिया जाएगा। हालाँकि, इसके लिए उन्होंने कोई बैकग्राउंड नहीं दिया। रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों के भाजपा में शामिल होने को लेकर भी इस लेख में नाराज़गी जताई गई है। कहा गया है कि सैन्य अधिकारी समझते हैं कि एक ही पार्टी उनके लिए काम कर रही है और उनका भाजपा में शामिल होना अशुभ है। साथ ही जवाहर सरकार ने वायर के लिए लिखे लेख में सोशल मीडिया पर भी सरकार का साथ देने का आरोप लगाया। इसमें लिखा गया है कि अल्ट्रा-नेशनलिज्म अभी जाने वाला नहीं है, चाहे इसके लिए कितने भी प्रयास कर लिए जाएँ।

सोशल मीडिया पर कुछ तथाकथित लिबरल और सेक्युलर लोगों द्वारा केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ लगातार जहर उगले जाने का समर्थन करते हुए जवाहर सरकार ने लिखा कि ऐसे लोगों की प्रशंसा होनी चाहिए क्योंकि वे इस इस तानाशाही के विरुद्ध आवाज़ उठा रहे हैं। जो लोग निष्पक्ष हैं, उनकी भी इस लेख में कड़ी आलोचना की गई है और कहा गया है कि वे फासिस्ट से भी बदतर लोग हैं। सरकार की कश्मीर नीति की आलोचना करते हुए जवाहर सरकार ने दावा किया है कि मोदी सरकार के अंतर्गत आतंकी घटनाओं में काफ़ी इजाफा हुआ है। मुस्लिम आक्रान्ताओं का बचाव करते हुए कहा गया है कि सभी बौद्ध मठों को मुस्लिमों ने नहीं तोड़ा। कुल मिलाकर इस लेख में बिना किसी तर्क, सबूत और बैकग्राउंड के ऐसे कई कन्क्लूजन निकाले गए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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