Tuesday, November 19, 2024
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भगवा ध्वज के अपमान पर उठाई थी आवाज, सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के खिलाफ राजस्थान में FIR

एफआईआर में कहा गया है, ''23 जुलाई की शाम को सुदर्शन टीवी पर सुरेश चव्हाणके ने पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी थी और एक साजिश के तहत ये धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते हैं।''

राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ के सदस्य गिरिराज मीणा की शिकायत पर जयपुर पुलिस ने सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उन पर आदिवासियों और मीणा समुदायों की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनके खिलाफ शुक्रवार (30 जुलाई) को जयपुर के ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई है।

सुरेश चव्हाण पर साम्प्रदायिक घृणा फैलाने का आरोप

गिरिराज मीणा ने अपनी शिकायत में सुदर्शन टीवी के संपादक पर अमरगढ़ किले की घटना के बाद से अपने चैनल के माध्यम से भड़काऊ टिप्पणी करके आदिवासियों और मीणा समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। मीणा समुदाय द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है, ”23 जुलाई की शाम को सुदर्शन टीवी पर सुरेश चव्हाणके ने पूरे आदिवासी समुदाय को गाली दी थी और एक साजिश के तहत ये धार्मिक उन्माद फैलाना चाहते हैं।” गिरिराज मीणा ने एफआईआर में आगे चव्हाणके पर सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए अराजकता और दंगे फैलाना का आरोप लगाया।

चव्हाणके ने ट्विटर पर कहा- वह 1 अगस्त को अमरगढ़ जाएँगे

एसीपी आदर्श नगर नील काम ने कहा, “इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है और चव्हाणके आरोपित हैं।” आईटी अधिनियम की धारा 67 के साथ आईपीसी की धारा 295 (किसी भी वर्ग के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल को चोट पहुँचाना या अपवित्र करना) और 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके साथ ही एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएँ भी लगाई गई हैं।

गौरतलब है कि जयपुर के अमरगढ़ किले में एक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा द्वारा ‘जय श्री राम’ लिखा हुआ भगवा झंडा फाड़ने के बाद सुदर्शन टीवी के संपादक ने इस घटना पर कड़ी आपत्ति जताई थी और वहाँ पर जाने की कसम खाई थी। वह 1 अगस्त को जयपुर और अमरगढ़ किले का दौरा करेंगे। चव्हाणके के इस बयान पर मीणा-मुस्लिम समुदाय ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे ‘भड़काऊ’ बताया है।

सुरेश चव्हाणके ने एफआईआर पर प्रतिक्रिया दी

इस बीच, सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर की खबर को ट्विटर पर साझा किया है। चव्हाणके ने ट्वीट किया, “राजस्थान पुलिस ने मुझ पर SC-ST एक्ट के तहत FIR दर्ज की है, वह भी जो मैंने कहा ही नहीं।”

राजस्थान आदिवासी मीणा सेवा संघ को ‘टीपू सुल्तान की पार्टी’ के रूप में संदर्भित करते हुए चव्हाणके ने कहा कि राजस्थान में कॉन्ग्रेस सरकार के इशारे पर काम कर रही स्थानीय पुलिस ने उनके खिलाफ ‘टीपू सुल्तान की पार्टी’ द्वारा फैलाई गई अफवाहों के आधार पर एफआईआर दर्ज की है।

उन्होंने आगे लिखा, ”देश #Arrest_Ramkesh_Meena कह रहा है, सरकार मुझ पर उल्टी कार्रवाई कर रही है। पर संघर्ष जारी रहेगा।”

अमरगढ़ किले की घटना

मालूम हो कि सोशल मीडिया पर 22 जुलाई को हुई उस घटना के वीडियो मौजूद हैं, जिनमें निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के साथ भीड़ ने पहले जयपुर के अमरगढ़ किले के ऊपर फहराए गए झंडे को नीचे उतारा और फिर उसे फाड़ दिया। तभी मीणा समुदाय और हिंदू संगठनों के बीच विवाद शुरू हुआ था। कॉन्ग्रेस के विश्वासपात्र रामकेश मीणा की हरकत पर हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है।

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कॉन्ग्रेस भाई-बहन की जोड़ी पर हमला करते हुए इस वीडियो को शेयर करते हुए कहा था कि इस तरह की हरकतों को भुलाया नहीं जाएगा। वहीं, सुदर्शन टीवी के संपादक सुरेश चव्हाणके ने भी इस घृणित कृत्य का कड़ा विरोध किया था।

इस बीच, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने राजस्थान के अमरगढ़ किले की ओर जाने वाले पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। पुलिस ने बताया कि अमरगढ़ विवाद को लेकर अब तक तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिनकी जाँच जारी है। ऑपइंडिया ने भी पूरी घटना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस स्टेशन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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