Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजखुले में सड़क पर नमाज पढ़ने से परेशान हिंदू, गुरुग्राम में लगातार चौथे सप्ताह...

खुले में सड़क पर नमाज पढ़ने से परेशान हिंदू, गुरुग्राम में लगातार चौथे सप्ताह भजन-कीर्तन कर किया विरोध प्रदर्शन

''जब तक यहाँ खुले में हर शुक्रवार को नमाज अदा करना बंद नहीं होता है तब तक वह भजन और आरती करना जारी रखेंगी। खाली जमीन का मतलब यह नहीं है कि कुछ लोग उस पर कब्जा कर सकते हैं। क्या वे हमें इस जमीन पर कुछ भी निर्माण करने देंगे? जवाब है- नहीं।''

हरियाणा के गुरुग्राम में सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने के खिलाफ पिछले महीने (सितंबर 2021) से विरोध प्रदर्शन जारी है। शुक्रवार (15 अक्टूबर, 2021) को गुरुग्राम सेक्टर-47 में स्थानीय हिंदू लोगों ने लगातार चौथे सप्ताह भजन-कीर्तन कर प्रदर्शन किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौके पर पहुँचे पुलिस बल और अधिकारियों ने विरोध करने वालों को समझाने का प्रयास किया। इसको लेकर स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि हमसे वादा किया गया था कि दस दिन में इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया।

लोगों का कहना है कि यह सब प्रशासन की रजामंदी से हो रहा है, नहीं तो इसका समाधान अभी तक हो चुका होता। साथ ही उन्होंंने यह भी कहा कि जब तक खुले में नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगाई जाती, तब तक यह विरोध जारी रहेगा। वहीं, इस मामले को लेकर एसीपी अमन यादव का कहना है कि नमाज के लिए वैकल्पिक जगह तलाशने समेत समाधान के प्रयास जारी हैं।

बताया जा रहा है कि सेक्टर-47 के आरडब्ल्यूए प्रधान सुनील यादव ने खुले में नमाज पढ़ने का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस तरह से सार्वजनिक जगहों पर नमाज अदा करने से माहौल खराब हो रहा है। इसके लिए मस्जिद बनी हुई हैं, वहाँ जाने में क्या दिक्कत है? इसके साथ ही उन्होंंने प्रशासनिक अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे नहीं चाहते कि ये सब रुके। खुले में नमाज को रोका जा सकता है, लेकिन इसे इतने दिनों बाद भी नहीं रोका गया। इससे लोगों में काफी आक्रोश है। स्थानीय लोग हाथों में पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में हिंदू महिलाएँ भी शामिल हैं। उन्होंने नवरात्री में माता के भजन गाकर और कीर्तन करके इसका विरोध जताया।

खाली जमीन का मतलब ये नहीं कि कोई भी कब्जा कर ले

9 अक्टूबर को गुरुग्राम सेक्टर-47 की हिंदू महिलाओं ने नमाज का विरोध करते हुए भजन-कीर्तन और आरती की थी। इसके बावजूद वहाँ जमा हुए मुस्लिमों ने नमाज अदा की। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। सेक्टर-47 की एक महिला ने कहा था, ”जब तक यहाँ खुले में हर शुक्रवार को नमाज अदा करना बंद नहीं होता है तब तक वह भजन और आरती करना जारी रखेंगी।” उन्होंने आगे कहा, ”खाली जमीन का मतलब यह नहीं है कि कुछ लोग उस पर कब्जा कर सकते हैं। क्या वे हमें इस जमीन पर कुछ भी निर्माण करने देंगे? जवाब है- नहीं।” विरोध में शामिल हुई एक अन्य महिला ने कहा था कि वह किसी मजहब का विरोध करने के लिए नहीं, बल्कि सार्वजनिक जगह पर नमाज का विरोध करने के लिए आई है।

‘सड़कों पर हनुमान चालीसा पढ़ना शुरू कर दें क्या?’

इस घटना को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स में भी काफी आक्रोश देखा गया था। गुरुग्राम पुलिस द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर नमाज पढ़ने को जायज ठहराता देख यूजर भड़क गए और पूछने लगे कि आखिर लोगों के विरोध को वो कैसे नकार सकते हैं और कैसे चलती सड़क पर नमाज पढ़ने को जायज कहा जा सकता है। एक यूजर ने कहा, “इस्लामी देशों में भी सार्वजनिक संपत्ति पर नमाज पढ़ना हराम है।” यूजर बोला, “नमाज पढ़ना आस्था की बात है, जिसे मस्जिद जैसी जगह पर अदा किया जाना चाहिए। इसलिए इन लोगों को समझाएँ कि वे एक पवित्र अभ्यास को अपवित्र न करें।”

वहीं, स्थानीय लोगों ने कहा कि क्यों नमाज को मस्जिद में बैठ कर नहीं पढ़ा जा सकता। उनका सवाल है कि क्या आपसी सहमति से पब्लिक प्लेस पर अतिक्रमण करना सही है? और अगर इस केस में प्रशासन इतना ही ढिलाई दे रहा है तो क्या वो भी सड़कों पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ें और पूजा-अर्चना करना शुरू कर दें।

‘सड़क पर नमाज हिंदू-मुस्लिम की सहमति से…’

हालाँकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने अपने बचाव में ट्वीट किया, जिसके बाद वह खुद ही फँस गई। दरअसल, पुलिस ने अपने ट्वीट में कहा था, ”पब्लिक प्लेस पर नमाज हो रही है, दोनों पक्ष (हिंदू-मुस्लिम) सहमत हैं।” लेकिन सार्वजनिक जगह के मामले में पक्षों की सहमति वाला तर्क कानूनन होता तो गुरुग्राम पुलिस को अपना ट्वीट डिलीट नहीं करना पड़ता।

गुरुग्राम पुलिस का ट्वीट, जिसे उसने डिलीट कर दिया था

गुरुग्राम में नमाज को लेकर शुरू हुआ विवाद

गौरतलब है कि पिछले म​हीने 26 सितंबर को गुरुग्राम के सेक्टर-47 में रहने वाले लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में दिखाया गया था कि स्थानीय लोग अपने पड़ोस में मुस्लिमों द्वारा खुले में सड़कों पर नमाज अदा करने से बेहद परेशान हैं। स्थानीय लोगों ने इस दौरान नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा हुए मुस्लिमों का विरोध भी किया और उन पर कानून-व्यवस्था तोड़ने का आरोप लगाया था।

सार्वजनिक स्थल पर नमाज का विरोध करने वाले स्थानीय निवासियों में से एक ने कहा था, “जिस तरह से मेरठ की लड़की को मारा गया और फरीदाबाद की लड़की को मौत के घाट उतार दिया गया, कहीं ये सब भविष्य में हमारी बेटियों का साथ भी ना हो जाए।” उन्होंने कहा, “पुलिस कुछ नहीं कर रही है, क्योंकि उनके पास हमारे खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश है।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -