Wednesday, November 27, 2024
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‘सर्वे सन्तु निरामयाः’: कोरोना टीकाकरण में भारत ने ऐसे हासिल किया 100 करोड़ का मुकाम, 95 देशों की भी की मदद

'वैक्सीन मैत्री' के रूप में भारत ने 95 अन्य देशों की मदद भी की है। विपक्ष आलोचना करता रहा, लेकिन मोदी सरकार ने टीके की कमी नहीं होने दी।

भारत ने कोरोना टीकाकरण के क्षेत्र में नया झंडा गाड़ दिया है। देश 21 अक्टूबर 2021 को कोरोना वैक्सीन की 100 करोड़ डोज लगाने का आँकड़ा छू लिया। लगभग 278 दिनों में भारत ने ये उपलब्धि हासिल की। इस हिसाब से देखें तो प्रतिदिन औसतन 27 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई। हमारे देश की तीन चौथाई जनसंख्या ने कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज ले ली है। लगभग 30% नागरिक ऐसे हैं, जिन्होंने दोनों डोज ले ली है।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसी बीच सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के साथ कोरोना वैक्सीनेशन की गति पर समीक्षा भी की है। निर्देश दिए गए हैं कि अब लोगों को दूसरा डोज दिए जाने पर जोर दिया जाए। साथ ही अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को लेकर केंद्र ने सभी प्रदेशों से सलाह माँगी है। कई राज्यों के पास पर्याप्त मात्र में कोरोना वैक्सीन की डोज है, ताकि वो लोगों को दूसरा डोज दे सकें। जिन जिलों में टीकाकरण की रफ्तार कम है, वहाँ विशेष ध्यान देने को कहा गया है।

भारत में कोरोना वैक्सीन की पहली डोज 16 जनवरी, 2021 को डी गई थी। इस हिसाब से अभी 10 महीने भी नहीं हुए हैं। सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, गोवा और उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों का प्रदर्शन शानदार रहा। उत्तर प्रदेश ने भी टीकाकरण में नई उपलब्धियाँ हासिल की। गुजरात, केरल, दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड की तो लगभग 90% जनसंख्या को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज दे दी गई है।

ये एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि ‘सर्वे सन्तु निरामयाः’ वाले देश में मोदी सरकार से सवाल पूछे जा रहे थे कि भारत को कौन देश वैक्सीन देगा? भारत में एक नहीं, बल्कि दो-दो वैक्सीन का निर्माण कार्य सम्पन्न हुआ और हर एक गाँव व शहर तक टीकाकरण के लिए जाल बिछाया गया। मुस्लिम बहुल इलाकों में जागरूकता फैलाने के लिए मस्जिदों तक की मदद ली गई। विपक्ष आलोचना करता रहा, लेकिन मोदी सरकार ने टीके की कमी नहीं होने दी।

दुनिया में भारत और चीन के अलावा किसी देश की जनसंख्या ही 100 करोड़ नहीं है, ऐसे में सबसे ज्यादा जनसंख्या को कोरोना वैक्सीन डोज देने के मामले में यही दोनों देश शीर्ष पर रहेंगे। भारत ने इस मिथक को तोड़ दिया है कि अमीर देश पहले अपने लोगों को वैक्सीनेट कर देंगे, फिर अन्य देशों को इंतजार करना होगा कि वो वैक्सीन की डोज दें। ‘वैक्सीन मैत्री’ के रूप में भारत ने 95 देशों की मदद भी की है। उन्हें 6.64 करोड़ डोज दी गई।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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