Friday, November 22, 2024
Homeरिपोर्टमीडिया'देवी-देवताओं को ढक देता था मेरा दोस्त राजेश, ताकि मैं उसके यहाँ नमाज पढ़...

‘देवी-देवताओं को ढक देता था मेरा दोस्त राजेश, ताकि मैं उसके यहाँ नमाज पढ़ सकूँ’: रिफत जावेद से सवाल – अपने घर में हनुमान चालीसा पढ़ने दोगे?

क्या रिफत जावेद ने कभी किसी हिन्दू दोस्त को अपने घर में पूजा-पाठ या यज्ञ-हवन करने की अनुमति दी है और इसके लिए अपने घर में स्थित इस्लामी प्रतीक चिह्नों को हटाया है?

प्रोपेगंडा पोर्टल ‘जनता का रिपोर्टर’ के संस्थापक रिफत जावेद ने एक अजीबोगरीब वाकया सुनाया है। आम आदमी पार्टी (AAP) समर्थक ब्लॉगर ने लिखा है कि जब वो पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक विश्वविद्यालय छात्र हुआ करते थे, तब वो अपने दोस्त राजेश के यहाँ अक्सर पढ़ने जाया करते थे, जिसका घर बड़ा बाजार में था। रिफत जावेद की मानें तो राजेश के दादाजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का हिस्सा थे।

BBC के साथ 12 वर्षों तक काम कर चुके रिफत जावेद ने आगे लिखा है, “मेरे दोस्त राजेश का परिवार हमेशा मुझे अपने घर पर नमाज पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता था। इसके लिए वो हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें ढक देते थे। अब ये नया भारत मुझे पहचान में ही नहीं आ रहा है।” बता दें कि इस तरह की सेक्युलरिज्म वाली बातें अक्सर मीडिया के गिरोह विशेष के पत्रकार सुनाते रहते हैं और कहते हैं कि ये वो भारत नहीं है, जहाँ वो बड़े हुए हैं।

यहाँ लोगों के मन में सबसे पहला सवाल तो यही खटक रहा है कि अगर राजेश ने अपने दोस्त रिफत जावेद को अपने घर पर नमाज पढ़ने देकर तथाकथित सेक्युलरिज्म की मिसाल पेश की, फिर हिन्दू देवी-देवताओं की तस्वीरें ढकने की क्या जरूरत पड़ गई? क्या रिफत जावेद को हिन्दू देवी-देवताओं से समस्या थी? इसका सीधा अर्थ है कि सेक्युलरिज्म सिर्फ हिन्दुओं के दिखाने की चीज है, मुस्लिमों को इससे कोई लेनादेना नहीं।

‘टीवी टुडे’ के मैनेजिंग एडिटर रहे रिफत जावेद से दूसरा सवाल लोग ये पूछ रहे हैं कि क्या उन्होंने कभी अपने किसी हिन्दू दोस्त को अपने घर में पूजा-पाठ या यज्ञ-हवन करने की अनुमति दी है और इसके लिए अपने घर में स्थित इस्लामी प्रतीक चिह्नों को हटाया है? जाहिर है, कोई मुस्लिम ऐसा करने का सोच भी नहीं सकता। यही कारण है कि रिफत जावेद ने इन प्रश्नों का जवाब नहीं दिया है। इनका ‘सेक्युलरिज्म’ एकतरफा है, जिसमें सिर्फ हिन्दुओं को ही परीक्षाएँ पास करनी होती है।

कुछ लोगों ने इसे ‘कैब ड्राइवर स्टोरी’ का ही एक रूप बताया। गिरोह विशेष के पत्रकार अक्सर कोई बात कहलवाने के लिए किसी कैब ड्राइवर का हवाला देते हैं कि उसने मुझसे ऐसा कहा। एक यूजर ने रिफत जावेद से पूछा कि वो राजेश को अपने घर में हनुमान चालीसा पढ़ने देंगे? कइयों ने मूर्तिपूजा के प्रति उनकी असहिष्णुता का ध्यान दिलाया। क्या वो राजेश से कह नहीं सकते थे कि प्रतिमाओं को ढकने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें उनसे असुविधा नहीं हो रही है?

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पश्चिम बंगाल का राजभवन वक्फ का, देश का सबसे बड़ा ‘कलकत्ता गोल्फ कोर्स’ भी उसी का: बवाल होने पर बंगाल वक्फ बोर्ड ने पल्ला...

बंगाल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष साहिदुल मुंशी ने कहा कि बोर्ड के पास इस बात की कोई तथ्यात्मक जानकारी नहीं है कि बंगाल राजभवन वक्फ संपत्ति है।

धीरेंद्र शास्त्री की हिंदू एकता यात्रा में शामिल हुए दिग्विजय सिंह के कॉन्ग्रेसी MLA बेटे जयवर्धन सिंह, बोले- ‘हिंदुओं में एकता जरूरी, भारत है...

जयवर्धन ने हिंदू धर्म को भारत की आत्मा बताते हुए कहा, "हर धर्म की शुरुआत किसी न किसी स्थान से हुई है, और हिंदू धर्म की शुरुआत भारत से हुई है। इसलिए भारत स्वाभाविक रूप से हिंदू राष्ट्र है।"
- विज्ञापन -